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एक गांव ऐसा भी…यहां पानी की कमी से कोई बेटी ब्याहने को तैयार नहीं, बढ़ रही कुंवारों की संख्या

सिवनी जिले के घंसौर विकासखंड के अगरिया कलां गांव का मामला

सूर्यप्रकाश विश्वकर्मा-सिवनी। शासन आदिवासियों के विकास के लिए भले ही हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन उनकी यह योजनाएं धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के घंसौर विखं के लखनादौन विस क्षेत्र से सामने आया है, जहां गांव अगरिया कलां में पानी की इतनी भीषण समस्या है कि यहां के युवाओं को विवाह के लिए कोई लड़की नहीं देता है, कारण यहां ग्रामीणों को दो किमी दूर से पानी लाना होता है। जानकारी के अनुसार, अगरिया कलां गांव में 300 परिवार रहते हैं।

इनमें से अधिकांश मजदूरी और कृषि कार्य पर निर्भर हैं। यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए 2 किमी का सफर तय करना पड़ता है। वर्तमान में गर्मी के मौसम में पानी दो किलोमीटर से लेकर आना और ज्यादा विकराल समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों के अनुसार, पीने का पानी महिलाएं सिर पर रखकर लाती हैं, वहीं अन्य उपयोग के लिए यहां के लोग बैलगाड़ी में टंकी रखकर पानी लाते हैं। यह समस्या आज की नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों बनी हुई है।

ग्रामीण बोले-सिर्फ वोट मांगने आते हैं नेता

ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई। अधिकारियों द्वारा गांव का सर्वे कर जल्द समस्या निराकरण का आश्वासन भी दिया गया, लेकिन आज तक पानी नहीं मिल पाया है। उनका कहना है कि नेता गांव में सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं, पानी की समस्या बताने पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।

सप्ताह में 1 या 2 बार ही स्नान करते हैं ग्रामीण: ग्राम पंचायत अगरिया कलां गांव निवासी जानकी बाई, मालती बाई, मैमबती बाई, रमा बाई, रामलाल, रैवाराम आदि ग्रामीणों का कहना है कि पानी नहीं मिलने के कारण यहां के लोग सप्ताह में एक या दो बार ही स्नान कर पाते हैं। सरकार की नल-जल योजना के तहत गांव में आज तक पानी घरों तक नहीं पहुंच पाया है। वर्तमान समय में गर्मी में काफी मशक्कत के बाद बैलगाड़ी, साइकिल और सिर पर पानी के बर्तन रखकर पीने के पानी लाना पड़ता है।

वादे पर खरा नहीं उतरा जल निगम: ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में अधिकारियों ने यह कहा था कि एक साल के अंदर गांव के लोगों को भरपूर पानी मिलने लगेगा। यह बात लगभग दो साल पूर्व की है, लेकिन जल निगम अब तक अगरिया गांव में पानी नहीं पहुंचा पाया है।

अगरियां पंचायत में एक हैंडपंप और एक कुआं

घंसौर विकासखंड की अगरिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत दो गांव आते हैं। घंसौर विकासखंड में पेयजल व्यवस्था की योजना क्रियान्वयन के लिए जल निगम जिम्मेदार है। जब तक जल निगम काम पूरा नहीं होता तब तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अगरिया कलां में पानी की व्यवस्था देख रहा है। बताया जा रहा है कि अगरिया कलां व अगरिया खुर्द गांव में पीएचई विभाग के एक हैंडपंप व एक कुआं है, जिसमें पानी है। गांव के हैंडपंप में सिंगल फेस की मोटर डाली गई थी, जो कुछ दिन पूर्व चोरी हो गई। पीएचई के अधिकारियों ने बताया कि गांव में एक दो दिन में बोर कराया जाना है, जिससे पेयजल समस्या का काफी हद तक निराकरण हो सकेगा।

लड़के की नहीं हुई शादी

हमारे गांव में पानी की बहुत समस्या है, यहां 2 किमी दूर सिर पर पानी ढोना पड़ता है। इस समस्या के कारण हमारे बेटा की शादी नहीं हो रही। उसकी उम्र 27 साल हो गई है। लड़की वाले कहते हैं हमारी बेटी 2 किमी दूर से पानी नहीं ला सकती। -मैमबती बाई, ग्रामीण

हमारे यहां पानी की बहुत गंभीर समस्या है, इसके लिए कई बार आवेदन भी दे चुके हैं पर आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ। अब तो हमारे बच्चों की शादी भी नहीं हो रही। मेरा बेटा बड़ा हो गया है, उसके लिए लड़की देखने गए तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि हमारी बेटी 2 किमी से पानी नहीं ला पाएगी। -रेवाराम कुलस्ते, ग्रामीण

क्या कहते हैं अधिकारी

आपके द्वारा अगरिया कलां का मामला संज्ञान में लाया गया है। इस संबंध में जल निगम से बात कर पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा कर पानी पहुंचाने के निर्देश दिए जाएंगे। -बिसन सिंह, एसडीएम

गांव में सड़क किनारे कुएं से ग्रामीण पानी लेते हैं, गर्मी में समस्या कुछ हद तक बढ़ जाती है। इसे को लेकर युवाओं की शादी न होने की बात ठीक है, पर विवाह तो हो ही जाते होते हैं। -शिवराज भलावी, सचिव, ग्रापं अगरिया कलां

पायली पेयजल समूह योजना से गांवों में पानी पहुंचाया जाना है। यहां काम धीमी गति से चल रहा है। इससे गांवों में पानी की समस्या है। जल्द काम पूरा कराने अफसरों को निर्देश दिए जा रहे हैं। -क्षितिज सिंघल, कलेक्टर सिवनी

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