राष्ट्रीय

PM का संबोधन: त्योहारों से पहले कोरोना को लेकर किया देश को सतर्क, बोले- युद्ध अभी चालू है, हथियार न डालें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़े 100 करोड़ पार करने पर देशवासियों को बधाई दी और बताया कि भारत ने कैसे महामारी के चुनौतियों को पार किया। उन्होंने कहा कि कवच कितना ही मजबूत हो, लेकिन जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डालने हैं। मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता से मनाना है। पीएम ने कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर हो गया है। पीएम मोदी कोरोना काल में अब तक नौ बार देश को संबोधित कर चुके हैं।

इस बार की दिवाली होगी तनाव मुक्त

पीएम मोदी ने कहा कि पिछली दिवाली हर किसी के मन में एक तनाव था, लेकिन इस दिवाली 100 करोड़ वैक्सीन डोज पूरे होने की वजह से मन में एक विश्वास पैदा हुआ है। अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं।

रिकॉर्ड लेवल पर हो रही अनाज खरीद

कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं।

थाली-ताली बजाने पर लोगों ने उठाया था सवाल

पीएम मोदी ने कहा कि हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया। देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा।

भारत ने अपने 100 करोड़ नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाई

भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वो भी बिना पैसा लिए। 100 करोड़ वैक्सीन डोज का एक प्रभाव ये भी होगा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी।

वीआईपी कल्चर पर लगा ब्रेक

पीएम मोदी ने कहा कि ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो। सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ्क वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गांव-शहर, गरीब-अमीर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता।

महामारी आने पर भारत पर उठे सवालों का करारा जवाब

पीएम मोदी ने कहा कि जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।

आत्मनिर्भर हो गया है भारत

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों को वैक्सीन पर रिसर्च करने में, वैक्सीन खोजने में निपुणता थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन पर ही निर्भर रहता था। लेकिन अब भारत आत्मनिर्भर हो गया है।

दूसरे देशों से भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना

पीएम मोदी बोले आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का, 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की।

इतिहास के नए अध्याय की रचना

पीएम मोदी बोले 100 करोड़ वैक्सीन डोज केवल एक आंकड़ा ही नहीं, ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब भी है। इतिहास के नए अध्याय की रचना है। ये उस नए भारत की तस्वीर है, जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर, उन्हें हासिल करना जानता है।

संबंधित खबरें...

Back to top button