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SBI खिलाफ अवमानना याचिका, सुनवाई 11 मार्च को

चुनावी बॉन्ड : तय तारीख तक नहीं दी रउ को जानकारी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड संबंधी सभी विवरण छह मार्च तक चुनाव आयोग के पास नहीं जमा कराने पर वह अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा। एसबीआई के खिलाफ याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दायर की है। इस पर सुनवाई 11 मार्च को होगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। भूषण ने विशेष उल्लेख के दौरान पीठ के समक्ष दलील देते हुए शीर्ष अदालत के आदेश की अवमानना याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने की गुहार लगाई थी। एडीआर ने अपनी याचिका में एसबीआई पर जानबूझकर जानकारी साझा नहीं करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को अपने फैसले में राजनीतिक दलों को चंदा देने की चुनावी बॉन्ड योजना को अपारदर्शी और असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया था। कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च को देने का आदेश एसबीआई को दिया था। क्या कहा था एसबीआई ने : जानकारी न देने पर एसबीआई ने कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला दिया था। शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन के जरिए एसबीआई की ओर से कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए 22,217 चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल किया गया था। यह जानकारियां दो अलग-अलग सूचना साइलो (डेटा स्टोरेज) में मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि कुल 44,434 सूचना सेटों को डिकोड, संकलित और तुलना करनी होगी। इसके लिए तीन सप्ताह की समय सीमा पर्याप्त नहीं होगी।

प्रत्येक चुनावी बॉन्ड दो शर्तों के साथ बेचा जाता था- खरीदार की पहचान करने के लिए केवाईसी की विस्तृत प्रक्रिया और बॉन्ड पर सीरियल नंबर। इसलिए एसबीआई के पास देने वाले और प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों, दोनों का डेटा है। – जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव

82 प्रतिशत अज्ञात आय चुनावी बॉन्ड से

राष्ट्रीय दलों की 2022-23 के दौरान अज्ञात स्रोत से हुई आय में से 82.42 प्रतिशत का संबंध चुनावी बॉन्ड से है। एडीआर ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय दलों द्वारा निर्वाचन आयोग में जमा आॅडिट रिपोर्ट और दान संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने पर यह खुलासा हुआ कि बड़े पैमाने पर उनका स्रोत अज्ञात रहा।

कुल अज्ञात आय में 1510 करोड़ रु. बॉन्ड से मिले

एडीआर ने कहा कि वित्तवर्ष 2022- 23 के लिए दाखिल वित्तीय रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि अज्ञात स्रोत से हुई कुल 1,832.88 करोड़ रु की आय में से 1510 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड से प्राप्त हुए। इसके लिए भाजपा, कांग्रेस, माकपा, बसपा, आप और नेशनल पीपुल्स पार्टी की आय की जांच की गई।

जब किसान ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं तो बैंक उनके दरवाजे पर नोटिस चिपका देते हैं। उनके पास उन किसानों की सारी जानकारी होती है जो समय पर ऋण नहीं चुका पाते हैं। लेकिन चुनावी बॉण्ड का विवरण जमा करने के लिए समय मांग रहे हैं। – उद्धव ठाकरे (शिवसेना यूबीटी प्रमुख) 

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