
नई दिल्ली। दिवाली पर दिल्ली-NCR में आतिशबाजी और पटाखों की वजह से हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। यह देर रात 400 के पार चला गया, 1 नवबंर को सुबह करीब 6 बजे दिल्ली AQI 391 दर्ज किया गया। हर जगह-जगह धुंआ-धुंआ फैला हुआ है। लोगों का अपने घरों में भी सांस लेना मुश्किल हो गया है। आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बड़े पैमाने पर सामने आई हैं।
दिल्ली में दिवाली के दिन (31 अक्टूबर) शाम 5 बजे रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 186 रिकॉर्ड किया गया था। यानी 10-12 घंटों में ही हवा सामान्य से बेहद खराब कैटेगिरी में चली गई। वहीं देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो इनमें 9 उत्तर प्रदेश के हैं।
दिल्ली के इन इलाकों में इतना है AQI
सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार, सुबह 6 बजे तक दिल्ली के विभिन्न जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर बेहद खराब रहा। दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर तय सीमा से कई गुना ज्यादा दर्ज किया गया है। शुक्रवार (1 नवंबर) की सुबह 6 बजे नेहरू नगर, पटपड़गंज, अशोक विहार और ओखला में AQI का स्तर 350 से 400 के बीच रिकॉर्ड किया गया है।
- आनंद विहार -396
- अलीपुर -350
- अशोक विहार -384
- आया नगर -352
- बवाना – 388
- चांदनी चौक -336
- दिलशाद गार्डन -257
- नॉर्थ कैंपस- 390
- पंजाबी बाग -391
- सोनिया विहार -392
- अरबिंदो मार्ग -312
- नजफगढ़-329नरेला- 288
- जवाहरलाल नेहरू- 340
- लोधी रोड -352
- द्वारका 349
- बुराड़ी क्रॉसिंग -394
- आईजीआई एयरपोर्ट -375
बैन के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी 2025 तक पटाखों को बैन किया था। पटाखे बनाने, उन्हें स्टोर करने, बेचने और इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। इसके साथ ही इनकी ऑनलाइन डिलीवरी पर भी रोक लगाई गई थी, फिर भी आतिशबाजी हुई।
राजधानी दिल्ली में सर्दियों के समय हर बार प्रदूषण बढ़ जाता है। राजधानी में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सरकार की तरफ से प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए अलग-अलग उपाय किए जाते हैं। ऐसे में दिवाली के समय पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक भी एक उपाय होता है। इसके बावजूद दीवाली के दिन लोग पटाखे फोड़ने से बाज नहीं आते हैं। पिछले साल भी बैन के बावजूद दिवाली के दिन खूब पटाखे फोड़े गए थे।
पिछले 9 साल में दिवाली के बाद दिल्ली का AQI
साल | दिवाली के दिन AQI | दिवाली के अगले दिन AQI |
2024 | 186 | 359 |
2023 | 202 | 900 |
2022 | 312 | 326 |
2021 | 382 | 432 |
2020 | 414 | 424 |
2019 | 337 | 345 |
2018 | 281 | 642 |
2017 | 319 | 367 |
2016 | 431 | 425 |
जानिए एयर क्वालिटी और उसका प्रभाव
- 0-50 गुड न्यूनतम प्रभाव।
- 51-100 सेटिसफेक्टरी संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली तकलीफ।
- 101-200 मॉडरेट फेफड़े, दमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ।
- 201-300 पुअर ज्यादातर लोगों को लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ।
- 301-400 वेरी-पुअर लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस की बीमारी।
- 401-500 सीवियर स्वस्थ लोगों पर प्रभाव और बीमार वाले लोगों पर गंभीर रूप से प्रभाव।
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