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Delhi : मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट से दिया इस्तीफा, CM केजरीवाल ने किए मंजूर

नई दिल्ली। दिल्ली के मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने वर्ष 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। वहीं जैन धनशोधन के एक मामले में तिहाड़ जेल में हैं।

सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सीजेआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा- हम मामले को नहीं सुन सकते। कोर्ट ने सिसोदिया को पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। रविवार 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आप नेता मनीष सिसोदिया फिलहाल सीबीआई (CBI) की रिमांड पर हैं।

CJI ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत और गिरफ्तारी से राहत मांग रहे हैं। बताते चलें कि सिसोदिया ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी और विनोद दुआ मामले का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी, लेकिन सीजेआई ने कहा कि ये दोनों केस अलग थे। आपको निचली अदालत से जमानत लेनी चाहिए, एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाई कोर्ट जाना चाहिए।

सिसोदिया 18 मंत्रालयों का चार्ज संभाल रहे थे

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही सबसे बड़े नेता हैं। सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग जैसे कुल 18 विभाग थे।

केजरीवाल के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं। जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन जैसे मंत्रालय थे, जिन्हें सिसोदिया को सौंप दिया गया था।

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4 मार्च तक CBI रिमांड पर सिसोदिया

मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन यानि 4 मार्च तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद CBI की रिमांड की मांग पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। दिल्ली शराब नीति केस में जांच एजेंसी ने सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया।

शराब लाइसेंस के लिए ली रिश्वत

CBI की चार्जशीट में गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली समेत 7 आरोपियों के नाम हैं। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की दिल्ली सरकार की पॉलिसी से कुछ डीलरों को फायदा मिला। यह फायदा उन्हें ही मिला जिन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी। उधर, शराब लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले आरोपों का आम आदमी पार्टी (AAP) ने खंडन किया है। उसका कहना है कि शराब लाइसेंस के लिए किसी से पैसा नहीं लिया गया।

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कई अनियमितताएं मिलीं : CBI

इस मामले में सीबीआई के प्रवक्ता का कहना है कि जांच के दौरान आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार जैसी कई अनियमितताएं की गई हैं। यह भी आरोप है कि इन तरह की रिश्वत से मिले अवैध लाभ को निजी पक्षों ने अपने बहीखातों में गलत तरीके से दर्ज किया और शराब नीति से जुड़े अफसरों को फायदा पहुंचाया।

एलजी की सिफारिश पर हुआ था केस दर्ज

दरअसल, एलजी विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर दिल्ली में शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर सीबीआई ने केस दर्ज किया था। जिसके बाद में ईडी ने भी जांच शुरू की थी। इस मामले में जांच एजेंसियों ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके बाद से सीबीआई और ईडी लगातार छापेमारी कर सबूत इकट्ठा करने का प्रयास कर रही है।

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