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नगर निगम ड्रेनेज घोटाला : आरोपी ठेकेदारों के घर पुलिस की छापेमारी, कई दस्तावेज बरामद; पांचों आरोपियों की तलाश जारी

इंदौर। नगर निगम में फर्जी तरीके से ड्रेनेज का महा घोटाला सामने आया है। नगर निगम में अब तक डेढ़ सौ से अधिक ऐसी फाइलें मिली हैं, जिसके माध्यम से ठेकेदारों ने करोड़ों रुपए कमा लिए। लेकिन मौके पर एक भी ड्रेनेज लाइन नहीं डाली गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी है। रविवार सुबह पुलिस ने आरोपी ठेकेदार राहुल बढ़ेरा के अपोलो डीबी सिटी अप टाउन स्थित बंगले पर दबिश दी। इस दौरान कुछ दस्तावेजों के साथ दो गाड़ियां भी जब्त की गईं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

आरोपी ठेकेदारों के घर पुलिस की छापेमारी

इस मामले में पांचों आरोपी ठेकेदार फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। रविवार सुबह पुलिस ने आरोपी ठेकेदार राहुल बढ़ेरा के घर छापेमार कार्रवाई करते हुए तलाशी ली। वहीं एमजी रोड पुलिस ने नवनीत दर्शन ओल्ड पलासिया स्थित ऑफिस पर भी छापेमार कार्रवाई की। आजाद नगर के मदीना नगर में मोहम्मद साजिद और मोहम्मद सिद्दीकी के घर पर भी सर्चिंग की कार्रवाई की गई। अलग-अलग जगहों पर की गई छापेमारी में पुलिस ने कई दस्तावेज जब्त किए हैं।

क्या है पूरा मामला

यह घोटाला सामने आने के बाद इसकी जानकारी भोपाल तक पहुंची। जहां इस महाघोटाले में शामिल अधिकारियों की जानकारी निकालने की कोशिश की जा रही है। अब तक किसी के बारे में पता नहीं चल पाया है, लेकिन नगर निगम के पांच ऐसे ठेकेदारों को चिन्हित किया गया है जिन्होंने यह करोड़ों का घोटाला किया है। जानकारी के मुताबिक, साल 2015 से यह घोटाला किया जा रहा है। घोटाला सामने आने के बाद नगर निगम के कई अधिकारी इसकी जांच में जुड़ गए हैं। रोजाना इन घोटालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

कुछ दिनों पहले इंदौर के एमजी रोड थाने पर नगर निगम द्वारा ड्रेनेज घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें आरोपी रेनू बढ़ेरा, राहुल बढ़ेरा, मोहम्मद सिद्दीकी, मोहम्मद सदीक और मोहम्मद जाकिर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। सभी ठेकेदारों द्वारा इंदौर के द्रविड़ नगर, सुदामा नगर, तुलसी नगर, ताज नगर कनाडा जैसे इलाकों में ड्रेनेज का काम किया गया और उसके बोगस बिल लगाकर करोड़ों रुपए निगम से पास करवा लिए। यही नहीं इस फॉक्स बिल के साथ फोटो अटैच किए गए जिसमें रहवासियों के साथ भी वह फोटो नगर निगम की फाइलों में लगाए गए। लेकिन लेखा विभाग द्वारा जब जांच की गई तो उसमें करोड़ों रुपए के बोगस बिल लगाकर निगम को अब तक 80 करोड़ के घोटाले की भनक लगी है, जो 100 करोड़ के लगभग भी पहुंच सकता है।

हाई कोर्ट से खारिज हुई दो ठेकेदारों की जमानत

इस पूरे मामले में हाई कोर्ट से दो ठेकेदारों की जमानत खारिज हो चुकी है। नगर निगम द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद आरोपी ठेकेदार द्वारा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई गई थी, लेकिन दो ठेकेदारों की जमानत निरस्त हो गई। वहीं पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नगर निगम के इस घोटाले को लेकर सवाल खड़े किए थे, जिस पर मुख्यमंत्री सहित महापौर पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

इस तरह हुई थी 2015 में घोटाले की शुरुआत

फाइलों में मिला डेटा

  • मोहम्मद सिद्दीकी : पांच फाइलों में 6 करोड़ 9 लख रुपए का भुगतान
  • मोहम्मद जाकिर : एक फाइल में एक करोड़ 16 लाख का हुआ भुगतान
  • मोहम्मद साजिद : एक फाइल में एक करोड़ 7 लाख का हुआ भुगतान
  • रेनू बढ़ेरा : पांच फाइलों में 6 करोड़ का हुआ भुगतान
  • राहुल बढ़ेरा : एक फाइल में एक करोड़ 14 लाख का हुआ भुगतान

इस मामले में पांचों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है और सभी फरार बताए जा रहे हैं। नगर निगम संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया के लिए जानकारी जुटा रही है। पुलिस विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक, खंडवा खातेगांव सहित निपानिया में इन ठेकेदारों के मकान और फार्म हाउस हैं।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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