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Delhi Liquor Policy : मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 13 मई को होगी सुनवाई, दिल्ली हाईकोर्ट ने ED-CBI से मांगा जवाब

नई दिल्ली। शराब नीति केस में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में कोर्ट 13 मई को सुनवाई करेगा। ED और CBI के वकीलों ने जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा से कहा कि हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए। ईडी के आग्रह पर जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख तय की है।

15 मई तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

बुधवार (8 मई) को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि, मैं आपको (ED) केवल 4 दिन का समय दे रहा हूं। जमानत याचिका की सुनवाई अब 13 मई को करेंगे। इससे पहले 3 मई की सुनवाई में कोर्ट ने ED-CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके साथ ही सिसोदिया को बीमार पत्नी सीमा से हफ्ते में एक बार मिलने की परमिशन भी दी थी।

CBI ने करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद न्यायिक हिरासत के दौरान ED ने भी उन्हें 9 मार्च, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। 7 मई 2024 को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ाई गई है।

कई बार खारिज हुई जमानत याचिका

  • सिसोदिया ने ED मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 28 अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया गया था।
  • CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज हुई थी।
  • इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने ED मामले में उनकी जमानत याचिका को 3 जुलाई, 2023 और CBI मामले में 30 मई, 2023 को खारिज की थी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर, 2023 सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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