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AAP नेता सत्येंद्र जैन को अदालत से बड़ा झटका, मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र की सभी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। सत्येंद्र जैन के अलावा कोर्ट ने बाकी दो अभियुक्त अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका भी रद्द कर दी है। बता दें कि, जैन को ईडी ने 30 मई को गिरफ्तार किया था।

16 नवंबर को सुनाया जाना था फैसला

दरअसल, जमानत पर फैसला पहले 16 नवंबर को सुनाया जाना था। लेकिन 16 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तीन आरोपियों में से एक आरोपी का आदेश अभी नहीं लिखा गया है। इस मामले में सभी तीन आरोपियों की जमानत पर एक साथ फैसला सुनाना है। इसलिए कोर्ट ने फैसले को गुरुवार दोपहर तक टाल दिया था।

ईडी ने कुर्क की थी करोड़ों की संपत्ति

इस साल अप्रैल में ईडी ने जैन के रिश्तेदारों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने जैन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 109 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी-लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

क्या है मामला?

जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ का काला धन भी ट्रांसफर किया। जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे।

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गौरतलब है कि, 57 साल के जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य पर मामला दर्ज किया।

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