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आई फ्लू का खतरा : बदलते मौसम की वजह से बढ़ा आंखों में इन्फेक्शन, MP के कई जिले चपेट में, एडवायजरी जारी

भोपाल। बारिश के साथ मौसम में आए बदलाव के चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन के साथ-साथ आंखों में कंजक्टिवाइटिस की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस के मामले औसत से ज्यादा जरूर बढ़े हैं, लेकिन यह महामारी की तरह नहीं है। मध्य प्रदेश में इसके काफी मामले सामने आए हैं। इसी को लेकर हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की गई है।

क्या है कंजक्टिवाइटिस

मध्य प्रदेश के भोपाल, सागर, जबलपुर, टीकमगढ़, दमोह, रतलाम, झाबुआ का कुछ हिस्सा, उज्जैन और इंदौर ऐसे शहर है जहां आई फ्लू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू बैक्टीरिया अथवा वायरल इंफेक्शन या अन्य एलर्जी से होने वाली बीमारी है। यह ज्यादातर धूल भरे मौसम और बारिश के दिनों में देखने को मिलती है। ऐसे में धूप में निकलते समय आंख की सुरक्षा जरूर करनी चाहिए।

बाजारों से आई ड्रॉप गायब, लोगों ने कर लिया स्टॉक

आई फ्लू अथवा कंटक्टिवाइटिस फैलने से घबराए लोगों ने अब आई ड्रॉप और कैप्सूल को स्टॉक करना शुरू कर दिया है। हालत यह है कि मेडिकल स्टोर्स पर आई ड्रॉप और कैप्सूल का स्टॉक खत्म हो गया है। कई अस्पतालों में भी आई ड्रॉप नहीं मिल रहा है। बस स्टैंड पर संचालित अजय मेडिकल स्टोर के संचालक ने बताया कि लोग कोरोना संक्रमण की तरह ही आई फ्लू की दवाओं का भी स्टॉक कर रहे हैं। हालत यह है कि लोग जरूरत से ज्यादा दवाएं खरीदकर ले जा रहे हैं।

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण

  • आंखों का लाल और गुलाबी होना।
  • आंखों में खुजली, दर्द और सूजन होना। लगातार पानी बहना।
  • कुछ मामलों में धुंधला दिखने की परेशानी हो सकती है।

संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें

  • आंखों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • आंखों को बार-बार छूने से बचें।
  • हाथों को बार-बार धोते रहें।
  • साफ तौलिए का ही इस्तेमाल करें, उसे किसी के साथ शेयर न करें।
  • आंखों में मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम करें।

बचाव कैसे करें?

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • बार-बार हाथ धोएं।
  • आंखों को बार-बार न छुएं।
  • तौलिया, बिस्तर या रुमाल शेयर न करें।
  • कॉनटैक्ट लेंस से बचें।
  • स्विमिंग पूल में न जाएं।
  • संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें।

एडवाइजरी

  • आंखों को साफ पानी से धोएं।
  • संक्रमित व्यक्ति की छुई चीजों को न छुएं।
  • आंखों में खुजली हो तो हाथों से न मलें।
  • साफ कपड़े से आंखों को आहिस्ता से खुजला सकते हैं।
  • संक्रमण होने पर जल्दी से विशेषज्ञ को दिखा लें।
  • संक्रमित बच्चे को स्कूल न भेजें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव के मुताबिक, इन दिनों जो बच्चे आ रहे हैं, उन्हें आंखों के साथ गले में दर्द और तेज बुखार भी है। कंजक्टिवाइटिस एक संक्रामक बीमारी है, घर में एक व्यक्ति को होती है, तो पूरा परिवार चपेट में आ जाता है। ऐसे में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए।

नाक कान कला विशेषज्ञ डॉ. यशवीर जेके के मुताबिक, बच्चों को गले में दर्द के साथ खराश के मामले बढ़ रहे हैं। गले में खराश एक प्रकार का संक्रमण है, जो ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है। इससे गले और टॉन्सिल में सूजन होती है। यह अत्यधिक संक्रामक है। यह ज्यादातर 5 से 15 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता रामनानी के मुताबिक, आंखों में कंजक्टिवाइटिस होने से सूजन, दर्द, लालिमा और पानी आता है। कुछ लोगों में कीचड़ भी। इसकी मुख्य वजह बैक्टीरिया है, जो अक्सर शुरू के 2 से 3 दिन में बढ़ता है और फिर 5 से 7 दिन में ठीक होता है।

 

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