ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

कमजोर बूथ मैनेजमेंट, योजनाएं बताने में असफलता से मिली हार

कांग्रेस की समीक्षा में जीते-हारे प्रत्याशियों ने बताईं खामियां

भोपाल। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की। प्रत्याशियों ने हार के कारणों पर अपनी बात रखी। ज्यादातर प्रत्याशियों ने हार के लिए चुनाव आयोग का सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में काम करने और सेट की गई ईवीएम के साथ संगठन की कमजोरी पर ठीकरा फोड़ा। इस मौके पर माइक्रो मैनेजमेंट बेहतर करने के सुझाव भी दिए गए। टिकट वितरण देर से होने से प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने की बात भी कही गई। हालांकि संगठन से संबंधित कमियों के लिए अलग से चर्चा करने के लिए भी कहा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, रामनिवास रावत, सीडब्ल्यूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल, केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य ओमकार मरकाम ने कांग्रेस प्रत्याशियों से हार के कारणों पर बात की।

इन बिंदुओं पर विशेष फोकस

  • कुरवाई के जिस गांव में भाजपा के प्रत्याशी को घुसने नहीं दिया गया वहां उसे ज्यादा वोट मिले।
  • पोस्टल बैलेट में कहीं कर्मचारियों को सील लगाने को दी गई, कहीं पेन से टिक लगाने कहा गया।
  • भाजपा ने जमकर पैसा बांटा। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भ्रमित किया गया।
  • लाड़ली बहना योजना को लेकर भ्रम फैलाया गया कि कांग्रेस आई तो यह योजना बंद कर देगी, हम अपनी योजनाएं पहुंचाने में पीछे रहे।

हार-जीत का वैज्ञानिक ढंग से हो विश्लेषण: कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि सभी प्रत्याशी और विधायक अपने चुनाव की पूरी समीक्षा करें, इसका वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण करें कि वे क्यों हारे या क्यों जीते। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से अगले दस दिन में दो तरह की रिपोर्ट देने को कहा। एक रिपोर्ट में चुनाव का विश्लेषण और दूसरी रिपोर्ट में संगठन की समीक्षा गुप्त रूप से मांगी गई। उन्होंने कहा कि वे अतिशीघ्र पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे और लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी पार्टी जुट जाएगी।

इन्होंने बताए चुनाव में हार के कारण

डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ: महेश्वर में दो ईवीएम की गणना के पहले रिजल्ट घोषित किया गया। रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा कि दोनों मशीनों के कुल वोट भी आपको दे दिए जाएं फिर भी आप नहीं जीत रहीं।

पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल: मतदान की तारीख से पहले खातों में सरकारी योजनाओं का पैसा डालकर लोकतंत्र की हत्या की गई है।

तराना विधायक महेश परमार: पार्टी को टिकट वितरण को लेकर मंथन करना चाहिए। जनता जिन लोगों को अपने जनप्रतिनिधि के रूप में देखना चाहती थी, शायद ऐसे कुछ लोगों को कांग्रेस की ओर से टिकट नहीं मिल पाया।

मनावर विधायक डॉ. हिरालाल अलावा: माइक्रो मैनेजमेंट पर भाजपा ने काम किया। आरएसएस ने आदिवासी क्षेत्रों में अफवाहें फैलाने का काम किया। हिंदुत्व के मुद्दे को भुनाया।

संबंधित खबरें...

Back to top button