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विस चुनाव जैसी बंपर वोटिंग कराने घर-घर जा रहे कलेक्टर, मोहल्ला समिति को करेंगे शामिल

तीसरा चरण: भिंड, मुरैना और ग्वालियर में वोट प्रतिशत बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती

पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में ग्वालियर और चंबल संभाग के अधिकांश सीटों पर बंपर वोटिंग हुई थी। इस सफलता पर जिला निर्वाचन अधिकारियों की पीठ थपथपाई गई थी लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में इन्हीं अधिकारियों को पसीना आ रहा है। अफसरों की चिंताएं इसलिए भी बढ़ी हैं कि लोकसभा के पहले और दूसरे चरण में मतदान कम हुआ है।

2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो भिंड सीट पर सबसे कम 54 और ग्वालियर में 59 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2014 में भिंड में 45.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। अब जिले के अफसरों, और नेताओं को वोट प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास करने पड़ रहे हैं।

सिर्फ दो विधानसभा में कम वोटिंग

विधानसभा 2023 के चुनाव में सिर्फ भिंड और ग्वालियर पूर्व में सबसे कम 58 प्रतिशत तक वोट पड़े थे। बाकी मेंविधानसभ क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अच्छा रहा।

विदिशा-राजगढ़ से आस

तीसरे चरण के चुनाव में राजगढ़, भोपाल, विदिशा और सागर में मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। विदिशा के अजयपाल सिंह कहते हैं कि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मैदान में होने से मतदाताओं में उत्साह है। वहीं, राजगढ़ में दिग्विजय सिंह मैदान में हैं।

विधानसभा चुनाव में 80 फीसदी से अधिक मतदान

विधानसभा चुनाव 2023 में ग्वालियर और चंबल संभाग के कई विस क्षेत्रों में 80 फीसदी से अधिक तक मतदान हुआ था। इन सीटों में श्योपुर, विजयरपुर, चाचौड़ा, बमोरी, गुना, राघौगढ़, पिछौर प्रमुख हैं। जबकि ज्यादातर विस क्षेत्रों में 65 से 75 प्रतिशत वोटिंग हुई है।

इसलिए लोकसभा सीटों पर कम होता है मतदान

मुरैना जिले के जौरा निवासी भानुप्रताप सिंह कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में इस बार कोई बड़े मुद्दे नहीं हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में प्रत्याशी को देखकर मतदान होता है। इस बार मुरैना सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है इसलिए संभावना है कि वोट प्रतिशत बढ़ेगा। वहीं भिंड के प्रणेन्द्र तिवारी कहते हैं कि तेज गर्मी पड़ने से मतदाता घरों से कम निकलेंगे। उनके यहां प्रत्याशी को देखकर लोग मतदान करते हैं।

अब ये किए जा रहे जतन

  • मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ग्वालियर और चंबल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों से की चर्चा।
  • कलेक्टर घर-घर और हाट बाजारों में अपनी टीमें भेज रहे हैं।
  • पीले चावल लेकर घर-घर जाएंगे कर्मचारी। मोहल्ला समिति, गांव के जनप्रतिनिधियों को मतदान बढ़ाने में किया जाएगा शामिल।

तीसरे चरण में भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के सभी प्रयास कर रहे हैं। घर-घर पीले चावल दे रहे हैं। कलेक्टर-एसपी खुद गांव- गांव जा रहे हैं। अब तो शादी-विवाह के ज्यादा मुहूर्त नहीं है, इसलिए संभावना है कि मतदान प्रतिशत अच्छा ही रहेगा। -अनुपम राजन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

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