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एनएच के एसई की CR रिवाइज होने से उप सचिव की सीनियरिटी बिगड़ी

लोक निर्माण विभाग का मामला, इनसे प्रेरित होकर 3 इंजीनियरों ने सीआर रिवाइज करने दिए आवेदन

भोपाल। लोक निर्माण विभाग के नेशनल हाइवे में पदस्थ एक अधीक्षण यंत्री (एसई) केपीएस राणा की सीआर रिवाइज होने से विभाग में पदस्थ उप सचिव एआर सिंह की सीनियरिटी बिगड़ गई है। राणा की सीआर 10 साल बाद रिवाइज की गई है। विभाग ने वर्ष 2015 के बाद इंजीनियरों की ग्रेडेशनल लिस्ट जुलाई 2024 में जारी की है। विभाग में पदस्थ उप सचिव दस साल बाद सीआर में हुए संशोधन को गलत ठहराते हुए अपनी सीनियरिटी को बरकरार रखने के लिए विभाग प्रमुख के समक्ष अभ्यावेदन देने की तैयारी कर रहे हैं।

इन तीन इंजीनियरों ने लगाए आवेदन

लोक निर्माण विभाग के कई इंजीनियरों ने आपनी सीआर अपग्रेड कराने के लिए विभाग में आवेदन दिया है। हालांकि अभी तीन के नाम सामने आए हैं। इन इंजीनियरों को यह लगने लगा है कि उनकी सीआर रिवाइज होने पर ‘क प्लस’ व इससे ऊपर हो जाएगी। एसई बीपी बैरासी, सुरेश चंद्र वर्मा, और सूपति लाल सूर्यवंशी ने सीआर रिवाइज के लिए विभाग को अपना आवेदन दिया है।

राणा के उदाहरण से समझिए कैसे बिगड़ी सीनियरिटी

लोनिवि में वर्ष 2012 तक एसई की वरिष्ठता सूची में केपीएस राणा से सीनियर एआर सिंह थे। राणा ने वर्ष 2015 में विभाग में आवेदन दिया कि सीनियरिटी निर्धारणकर्ता कमेटी ने मेरे सीआर में ‘क-प्लस’ दिया है, लेकिन विभाग ने मेरे सीआर में ‘क प्लस’ की जगह ‘क’ कर दिया है, इससे मेरी सीनियरिटी बिगड़ गई है। विभाग ने प्रस्ताव सामान्य प्रशासन को भेज दिया और सामान्य प्रशासन विभाग ने सहमति देते हुए मामला पीएससी को भेज दिया। पीएससी ने मामले को सही पाते हुए राणा के सीआर में ‘क’ की जगह पर ‘क- प्लस’ की अनुशंसा कर दी। इससे उनका नाम एआर सिंह से ऊपर हो गया।

इसलिए सीआर की लड़ाई

दरअसल लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ आरके मेहरा इसी माह रिटायर हो रहे हैं। सरकार वरिष्ठता के आधार पर ईएनसी का चयन करने वाली है। इसके चलते यह दोनों इंजीनियर सीनियर बनने के लिए सीआर बढ़ाने में लगे हैं। अन्य इंजीनियर भी जुगत लगा रहे हैं।

ईएनसी की दौड़ में भी राणा

बताया जाता है कि केपीएस राणा से सीनियर शालिग राम बघेल हैं, जो वर्तमान में पीआईयू में ईएनसी हैं। लोक निर्माण विभाग में ईएनसी की दौड़ में राणा सबसे आगे हैं। ईएनसी के लिए नामों के पैनल लोनिवि के जरिए भेजे जाते हैं। इन्हीं नामों में से किसी एक नाम पर सरकार अपनी मुहर लगाती है।

दस साल बाद किसी की सीआर रिवाइज नहीं होती

दस वर्ष बाद किसी की सीआर रिवाइज नहीं होती है। ऐसे सीआर रिवाइज होने लगे तो हर अधिकारी कर्मचारी अपनी सीआर रिवाइज करने लगे। मेरी सीनियरिटी प्रभावित हुई है। -एआर सिंह, उप सचिव, लोनिवि

विभाग ने 10 साल बाद न्याय दिया तो मैं क्या कर सकता हूं

मेरे साथ अन्याय हुआ था। ‘क प्लस’ की सीआर को विभाग ने ‘क’ कर दिया। मुझे इसकी जानकारी जैसे ही लगी वैसे मैंने आवेदन दिया। विभाग ने दस वर्ष बाद न्याय दिया तो इसमे मैं क्या कर सकता हूं। -केपीएस राणा, एसई, नेशनल हाईवे मप्र

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