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विश्व डाक दिवस: 9 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है ये दिन, जानें क्या है इस बार की थीम

नई दिल्ली। विश्व डाक दिवस हर साल दुनियाभर में 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। डाक विभाग लंबे समय से भारत ही नहीं, दूसरे देशों तक भी सूचना पहुंचाने का सबसे विश्वसनीय और सस्ता साधन रहा है। दुनिया भर में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की स्थापना की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए ये दिन मनाया जाता है। 142 देशों में पोस्टल कोड उपलब्ध है। भारतीय डाक विभाग पिनकोड नंबर (पोस्टल इंडेक्स नंबर) के आधार पर देश में डाक वितरण का काम करता है। पिनकोड नंबर की शुरुआत 15 अगस्त, 1972 को की गई थी।

क्या है वर्ल्ड पोस्ट डे का इतिहास

साल 1874 में आज ही के दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का गठन करने के लिए स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में 22 देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जापान की राजधानी टोक्यो में 1969 में हुए यूपीयू कांग्रेस में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में घोषित किया गया था। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को डाक सेवाओं और डाक विभाग के बारे में जागरूक करना है।

वर्ल्ड पोस्ट डे का उद्देश्य

ये दिन डाक सर्विस और उनके लिए काम करने वालों के लिए समर्पित है। विश्व डाक दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों और व्यवसायों के दैनिक जीवन में पोस्ट की भूमिका को समझाना है। इसके साथ-साथ वैश्विक, सामाजिक और आर्थिक विकास में डाक विभाग के योगदान के लिए जागरूकता लाना है।

विश्व डाक दिवस 2021 की थीम

इस बार की थीम- “इनोवेट टू रिकवर” है। ये विषय विश्व डाक दिवस की थीम के लिए बहुत सटीक है क्योंकि ये पोस्टल सर्विस की समस्याओं को उजागर करता है।

भारत था पहला एशियाई देश

1 जुलाई 1876 को भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला भारत पहला एशियाई देश था। जनसंख्या और अंतरराष्ट्रीय मेल ट्रैफिक के आधार पर भारत शुरू से ही फर्स्ट कैटिगरी का सदस्य रहा। 1 अक्टूबर, 1854 को भारत सरकार ने डाक के लिए एक विभाग की स्थापना की थी।

भारत में डाक व्यवस्था की शुरुआत

भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई। साल 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना करके किया। चेन्नई और मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस क्रमश: साल 1786 और 1793 में अस्तित्व में आए।

चार कैटिगरी के डाक घर

सभी डाक घर एक जैसी पोस्टल सेवाएं प्रदान करते हैं। हालांकि, डिलिवरी का काम विशिष्ट डाक घरों के जिम्मे रहता है। पोस्टल नेटवर्क में चार कैटिगरी के डाक घर हैं- प्रधान डाक घर, उप डाक घर, अतिरिक्त विभागीय उप डाक घर और अतिरिक्त विभागीय शाखा डाक घर।

नई तकनीक से जुड़ रही डाक सेवा

डिजिटलाइजेशन के दौर में दुनियाभर की डाक व्यवस्थाओं ने खुद को नई तकनीकी सेवाओं के साथ जोड़ा है। डाक, पार्सल, लेटर्स को पहुंचाने के लिए एक्सप्रेस सेवाएं शुरू की हैं। डाक घरों ने वित्तीय सेवाओं को भी आधुनिक तकनीक से जोड़ा है। अब लोगों में ऑनलाइन पोस्टल लेन-देन पर भी भरोसा बढ़ा है।

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