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सावधान… साइबर ठगों के नए पैंतरे… आपके बच्चे ने रेप कर दिया… आपने चोरी का माल खरीदा… झांसे में न आएं; अक्ल लगाएं…

भोपाल। बदलते दौर के साथ साइबर अपराधी भी बदल रहे हैं। यही वजह है कि नित नए पैंतरों से लोगों के साथ लोगों को ठगने की कोशिशें की जा रही हैं। अब साइबर क्राइम करने वाले वाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को फंसा रहे हैं। ये लोग कॉलिंग के दौरान खुद को पुलिस अफसर बताते हुए संबंधित शख्स के बेटे के रेप केस में फंसने की जानकारी देते हैं, यदि वह व्यक्ति बगैर तस्दीक किए घबराकर इनकी बातों में आ जाता है तो ये अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं। इस तरह के केस एमपी में लगातार सामने आ रहे हैं।

केस नंबर – 1

भोपाल के मालवीय नगर में रेडीमेड कपड़ों के कारोबारी सुबह रोज की तरह 11 बजे अपने घर से दुकान के लिए निकले। इसी दौरान उनकी पत्नी को वाट्सएप पर अनजान नंबर से कॉल आया। बोलने वाले ने खुद को पुलिस कंट्रोल रूम का अधिकारी बताते हुए उनके बेटे के रेप केस में फंसने की जानकारी दी। पत्नी घबरा गई और उसने अपने पति को फोन किया। इस दंपति का बेटा इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। पति ने तत्काल अपने बेटे को फोन लगाकर तस्दीक की तो बेटा अपने कॉलेज में क्लास अटेंड कर रहा था। सजग होने के कारण वे ठगी से बच गए।

केस नंबर – 2

जबलपुर निवासी केके नामदेव का पुत्र कौटिल्य नामदेव कंपनी विजिट पर मलेशिया गया था। उसके घर से जाने के अगले दिन उसकी मां गायत्री नामदेव को पाकिस्तान से कॉल आई कि आपके बेटे को पुलिस ने तस्करी के आरोप में पकड़ लिया है। अगर उसे बचाना है तो दिए गए नंबर पर 50 हजार रुपए भेजें। घबराई हुई मां ने तत्काल बेटे को फोन किया। कौटिल्य ने अपने फोन में इंटरनेशनल रोमिंग ले रखी थी, लिहाजा उससे तत्काल बात भी हो गई। उसने मां को बताया कि वह तो मलेशिया में पूरी तरह सुरक्षित है। इस तरह ठगी की वारदात होते-होते रह गई।

केस नंबर – 3

सागर जिले में ज्वेलर्स का कारोबार करने वाले एक व्यक्ति को अनजान वाट्सएप नंबर से कॉल आया। उसे कहा गया कि वह चोरी का माल खरीदता है और उन्होंने एक चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने आपका नाम बताया है। घबराए हुए कारोबारी ने तत्काल 20 हजार रुपए ठगों के बताए नंबर पर भेज दिए। बाद में पता चला कि वह तो साइबर अपराधियों का शिकार बन गए।

केस नंबर – 4

महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए हैदराबाद के रिटायर बैंक अफसर श्रीशैलम ने वेबसाइट देखी। एक साइट पर महाकाल दर्शन, भस्मारती, ओंकारेश्वर दर्शन की पूरी व्यवस्था के दावे के साथ कुछ नंबर भी दिए हुए थे। एक नंबर पर कॉल करा तो वहां से दो अलग-अलग लोगों ने बात की और पूरे इंतजाम के लिए 21700 रुपए मांगे। इसके बाद पेमेंट अटकने और रिफंड का दावा करते हुए उन्हें बातों में उलझा कर ठगों ने 1 लाख 8 हजार रुपए की चपत लगा दी।

नित नए ढंग अपना रहे अपराधी

साइबर क्राइम करने वाले आजकल नित नए ढंग अपना रहे हैं। वे कभी ई-एफआईआर के जरिए जानकारी निकाल के लोगों को फोन कर रहे हैं कि, आपका चोरी गया फोन मिल गया है, उसे भेजने के लिए पैसे भेजिए, तो कभी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिए परिवार के लोगों के अपहरण का फेक ऑडियो बनाकर लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में आम आदमी जब तक पुराने साइबर ठगी के तरीकों से जागरूक हो पाता है, तब तक नए शातिर साइबर क्रिमिनल नए तरीके अपना लेते हैं।

अलर्ट रहना ही बचाव का जरिया

इस मामले पर साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि शातिर ठग ऐसे लोगों को अपना आसान टारगेट बनाते हैं जो तकनीक को लेकर ज्यादा जागरूक नहीं होते। पुणे बेस्ड सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में कंपनी में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हिमांशु पहाड़िया के मुताबिक पहले साइबर सिक्य़ोरिटी को लेकर लिंक वगैरह भेजने का चलना था, लेकिन अब लोग अलर्ट हैं लिहाजा नए-नए तरीके से शातिर ठग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

पहाड़िया के मुताबिक, साइबर अपराधी अब लिंक और स्कैनर भेजकर ठगने वाले पैंतरों के बजाय सीधे लोगों को डरा-धमका कर पैसे मांगने लगे हैं। ऐसे में अलर्ट रहना ही बचाव का जरिया है। एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम शैंलेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि साइबर ठगों से अलर्ट रहने के लिए समय समय पर पुलिस गाइडलाइन जारी करती है। पुलिस के मुताबिक अगर लोग किसी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल को रिसीव ही न करें तो इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है।

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