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Earthquake : जम्मू-कश्मीर में चार भूकंप के झटके, लोगों में दहशत का माहौल; रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

डोडा/जम्मू। जम्मू में मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह भूकंप के कुल चार झटके महसूस किए गए। लगातार भूकंप आने से लोगों में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

डोडा और किश्तवाड़ में हिली धरती

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, किश्तवाड़ में बुधवार सुबह 8 बजकर 29 मिनट पर 3.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र धरती से 5 किलोमीटर की गहराई में था। एनसीएस से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले डोडा में सुबह 7 बजकर 56 मिनट पर 3.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में था।

रात को दो झटके किए महसूस

मंगलवार देर रात को भी क्षेत्र में दो भूकंप आए। आंकड़ों के अनुसार, डोडा जिले में मंगलवार देर रात 2 बजकर 20 मिनट पर 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं, एक अन्य भूकंप रियासी जिले के कटरा से 74 किलोमीटर पूर्व में देर रात 2 बजकर 43 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 2.8 मापी गई है।

प्रशासन ने बंद किए थे स्कूल

गौरतलब है कि इन 4 भूकंप से पहले मंगलवार दिन में डोडा में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 5.4 थी। मंगलवार को भूकंप से पर्वतीय जिलों डोडा और किश्तवाड़ में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था। इसमें दो छात्रों सहित पांच लोग घायल हो गए थे। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिए थे।

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आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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