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Ukraine Crisis : यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका के बीच बाइडेन ने की पुतिन से फोन पर बात, जल्द जंग छिड़ने की आशंका

यूक्रेन को लेकर हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं। अमेरिका ने इस बात की आशंका जताई है कि यूक्रेन पर उसका पड़ोसी रूस आक्रमण कर सकता है। शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच बातचीत हुई है लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस मसले को लेकर अभी भी बात नहीं बनी है। वहीं यूरोपीय देश संकट टालने की कोशिश में लगे हैं।

फोन पर बातचीत के बाद अमेरिका की चेतावनी

जानकारी के मुताबिक दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच 62 मिनट तक कॉल पर बात हुई। बाइडेन ने एक बार फिर पुतिन से यूक्रेन में तनाव कम करने और यूक्रेन की सीमाओं के पास तैनात 1 लाख से अधिक रूसी सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा। वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने एक बार फिर से चेतावनी दी है कि यूक्रेन में रूस की जमीन और समुद्री गोलीबारी अब इस कदर बढ़ चुकी है कि रूस कभी भी हमला कर सकता है।

बाइडन की पुतिन को चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय वाइट हाउस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाइडन ने पुतिन से कहा कि, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण मानवीय मुश्किलें पैदा करेगा और रूस की स्थिति को प्रभावित करेगा। सहयोगियों के साथ मिलकर अमेरिका निर्णायक जवाब देगा।

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राष्ट्रपति बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका कूटनीति में शामिल होने के लिए तैयार है, लेकिन अन्य हालात के लिए भी समान रूप से तैयार है। अगर रूस यूक्रेन पर एक और आक्रमण करता है, तो अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ रूस पर कार्रवाई करेंगे।

पुतिन की फ्रांस के राष्ट्रपति से हुई बात

वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी बात हुई। पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेताते हुए कहा कि रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के दावे सिर्फ भड़काने वाली अनुमानबाजी है। हालांकि, इस बीच मैक्रों ने भी पुतिन को स्पष्ट लहजे में कहा है कि अगर रूसी सेना का बॉर्डर पर जुटना जारी रहा, तो गंभीरता से समझौते के मौके कम होते जाएंगे।

यूक्रेन पर जल्द ही रूस कर सकता है आक्रमण

यूक्रेन को रूस ने तीन तरफ से घेरा हुआ है। पिछले कई दिनों से बताया जा रहा है कि रूस हर दिन युद्धाभ्यास कर अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है। अमेरिका लगातार चेतावनी दे रहा है कि बीजिंग ओलंपिक खत्म होने से पहले रूस यूक्रेन पर आक्रमण कर देगा। अमेरिका का कहना है कि रूस की आक्रमण तैयारी पूरी हो चुकी है। इसी वजह से अमेरिका समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से वापस बुला लिया है।

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यह है विवाद की मुख्य वजह

रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। यूक्रेन के सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं।

दो गुटों में बंटी यूक्रेन की राजनीति

दरअसल रूस चाहता है कि अमेरिका और नाटो देश यूक्रेन से दूर रहें। NATO के यूक्रेन में आने को रूस अपने लिए सामरिक खतरा मानता है। यूक्रेन जानता है कि वो अपने बल पर रूस की सामरिक शक्ति का सामना नहीं कर सकता और इसलिए वो सामरिक समूह NATO में शामिल होना चाहता है। यूक्रेन की राजनीति भी दो गुटों में बंटी है। एक दल रूस का समर्थन करता है तो दूसरा पश्चिमी देशों का।

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अमेरिका को किस बात का है डर?

अमेरिका को डर है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा। वहीं रूस को आशंका है कि अगर यूक्रेन नाटो का सदस्य बना, तो नाटो के ठिकाने उसकी सीमा के नजदीक तक पहुंच जाएंगे। कभी पूर्वी यूक्रेन पुतिन समर्थक हुआ करता था।

 

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