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साढ़े 3 घंटे की दूरी 15 मिनट में तय कराएगी 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही जोजिला टनल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देखा काम, कहा 2024 में चुनाव होने हैं इसलिए 2023 तक पूरा करेंगे काम

बालटाल से विकास शुक्ला: श्रीनगर-लेह के बीच की लाइफ-लाइन बनने जा रही जोजिला सुरंग का काम तेजी से चल रहा है। 11,578 फीट पर बन रही एशिया की इस सबसे लंबी टनल (14.5 किमी) की इस टनल में इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना पेश किया गया है। यह सुरंग बनने के बाद श्रीनगर और लेह-लद्दाख 12 महीने देश से जुड़ा रहेगा। यह मार्ग सेना के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण होगा। अभी सुरंग के पूर्वी और पश्चिमी छोर तक जाने साढ़े 3 घंटे लग जाते हैं। इस सुरंग के निर्माण के बाद यह दूरी महज 15 मिनट की रह जाएगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इस टनल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 2026 रखी गई थी, लेकिन हमने इसका निर्माण कर रही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के महानिदेशक कृष्णा रेडी से इसे 2023 में पूरा करने का आग्रह किया है, क्योंकि 2024 में चुनाव होने हैं। यह टनल चालू होने के बाद श्रीनगर-लेह लद्दाख के बीच बारहों माह यातायात जारी रह सकेगा।

टनल का क्या फायदा

  • श्रीनगर-लेह के हर मौसम में यातायात संचालित किया जा सकेगा। स्थानीय लोगों, पर्यटकों के साथ ही सेना को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
  • बारहों महीने यातायात चालू होने से प्रगति के नए रास्ते खुलेंगे, होटल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री आने से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • सुरंग के निर्माण के तीन साल बाद यहां पर्यटन 5 गुना बढ़ जाएगा और होटलों की संख्या में 10 गुना वृद्धि होगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ेंगे।

जानें टनल और इसकी खूबियां जोजिला

  • 14.500 किमी लंबाई है इस दो लेन वाली टनल की।
  • 80 की रफ्तार से गाड़ियां इसके अंदर दौड़ सकेंगी।
  • 11,578 मीटर ऊंचाई पर बन रही इस टनल में 1500 लोग काम कर रहे।
  • 9.5 मीटर चौड़ाई और 7.57 मीटर ऊंचाई है इस टनल की।
  • 6000 लोग इस पूरे प्रोजेक्ट में काम कर रहे।
  • 18.50 किमी का राजमार्ग भी टनल से जुड़ेगा, इसका भी काम चल रहा।

सुरंग में सुविधाएं

  • ऑटोमैटिक लाइटिंग है, जिससे सुरंग में हमेशा रोशनी रहेगी।
  • सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, कोई दुर्घटना होती है तो तुरंत कंट्रोल रूम को पता लगेगा।
  • किसी वाहन में यदि आग लगने जैसी घटना हुई तो सुरंग के सेंसर कंट्रोल रूम को सूचना देंगे, जिससे तत्काल मदद पहुंचेगी।
  • सुरंग के प्रत्येक 300 मीटर में 5 पुल हैं, दो स्नो गैलरी हैं।
  • टनल में तीन वेंटिलेशन हैं और दो शॉफ्ट होंगे, जिससे ऊपर से हवा आती रहे।
  • हर 750 मीटर में ले बे है। किसी गाड़ी को रुकना है तो वहां रुक पाएगी।

सर्दियों में भी काम करने की बना रहे हैं प्लानिंग

हम टनल के एक छोर में 140 मीटर अंदर गए हैं और दूसरे छोर से 400 मीटर अंदर आए हैं। पूरे प्रोजेक्ट ने तेजी पकड़ ली है। सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 40 हो जाता है, इसलिए हमारा टारगेट है कि जाड़े के पहले अंदर पहुंच जाएं तो सर्दियों में भी अंदर काम कर लें। – प्रशांत, डीजीएम, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड

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