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मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कलेक्टरों के नवाचार फेल

सीधी में तीन लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा 13 फीसदी गिरावट, छिंदवाड़ा में सबसे कम

भोपाल। लोकसभा सीट जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, शहडोल और सीधी में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ। इन सभी सीटों पर वर्ष 2009 के चुनाव बाद से मतदान प्रतिशत में बड़ी गिरावट आई है। इससे कलेक्टरों के नवाचार फेल हो गए। सीधी लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत मतदान कम हुआ। कलेक्टर मान रहे हैं कि पांच दिन के अवकाश से मतदान पर असर पड़ा जबकि पार्टी नेता शादी- विवाह और पलायन को मुख्य कारण मान रहे हैं।

पांच दिन के अवकाश से असर

17 अप्रैल को रामनवमीं थी, 18 को बड़ी संख्या में शादियां थीं। 19 अप्रैल को मतदान का अवकाश था। 20 को शनिवार तथा 21 को रविवार होने से ज्यादातर लोग छुट्टी पर चले गए। इस मामले में सीधी कलेक्टर स्वरोचित सोमवंशी से संपर्क नहीं हो पाया वहीं शहडोल कलेक्टर ने कॉल रिसीव नहीं किया। छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के अनुसार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के सभी प्रयास किए गए।

ये की गईं स्वीप गतिविधियां और नवाचार

  • सीधी: स्कूली बच्चों के साथ मतदान के लिए जागरुकता, नुक्कड़ नाटक।
  • मंडला: डिंडौरी में कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर कार्यक्रम।
  • छिंदवाड़ा: विशेष टीमें गठित कर घर- घर वोट देने का संदेश
  • जबलपुर: साइकिल रैली, भाषण प्रतियोगिता आदि
  • शहडोल:आदिवासी परंपराओं के साथ प्रचार अभियान

कलेक्टर बोले

पांच दिन का अवकाश होने से लोग अपने दूसरे कामों पर चले गए। गर्मी का भी असर रहा है। -दीपक सक्सेना,कलेक्टर, जबलपुर

मंडला जिले में 5 प्रतिशत मतदान कम हुआ। सामान्य ट्रेंड है। इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करना है। -डॉ. सलोनी सिडाना,कलेक्टर मंडला

प्रत्याशी का कहना

पलायन बड़ा कारण रहा। वहीं आदिवासी बहुल इलाकों में कटाई चल रही है। -कमलेश्वर पटेल, प्रत्याशी सीधी लोस

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