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राजभवन, राज्यसभा से लेकर निगम और मंडलों में ताजपोशी के लिए लॉबिंग

भाजपा के पुराने दिग्गज और कांग्रेस छोड़ कर आए नेता भी हैं दावेदार

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा के अनेक वरिष्ठ नेताओं को राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार है। इनमें कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नेता और विधायक भी शामिल हैं। सियासी डील के तहत इन नेताओं को पाला बदलने के बदले मानस म्मान देने का आश्वासन मिला है। भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे भी हैं जिन्हें पुनर्वास के बतौर राजभवन और राज्यसभा की सदस्यता से लेकर निगम-मंडलों में ताजपोशी की उम्मीद है। भाजपा में ऐसे वरिष्ठ नेताओं की लंबी फेहरिश्त है जिन्हें उम्मीद है कि हाईकमान उन्हें किसी राज्य में राज्यपाल बना सकता है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे नेताओं को भी पार्टी ने उपकृत करने का आश्वासन दिया है। भविष्य में खाली होने वाली राज्यसभा की सीट पर भी कुछ नेताओं की नजरें लगी हैं।

परफार्मेंस का होगा आॅडिट

लोकसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 46 निगम मंडल और प्राधिकरण के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की नियुक्तियां निरस्त कर दी थीं। निगम- मंडलों को इसलिए खाली करा लिया गया था ताकि लोकसभा चुनाव में सभी नेता पूरी ताकत से जुट जाएं। नतीजों के बाद परफार्मेंस और पात्रता के साथ सियासी आश्वासन के मुताबिक दिग्गज नेताओं की ताजपोशी की जाएगी।

सिंधिया समर्थक भी

पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनावी नतीजों के बाद अब नए सिरे से सियासी नियुक्तियां की जाएंगीं। इनमें कुछ नेता ऐसे भी थे जो 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। उपचुनाव हारने के बाद उन्हें दर्जा मंत्री का पद देकर उपकृत किया गया था। ये सभी नेता फिर से अपने लिए मुकम्मल जवाबदारी देने का दबाव बना रहे हैं।

इनका हो सकता है पुनर्वास

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सत्यनारायण जटिया, प्रभात झा, रघुनंदन शर्मा के अलावा सुरेश पचौरी का नाम भी है। निगम-मंडलों में जिन नेताओं की ताजपोशी की दावेदारी रहेगी उनमें डॉ हितेष वाजपेयी, माखन सिंह चौहान, अखिलेश्वरानंद गिरी, शैलेंद्र बरुआ, गिर्राज दंडोतिया, विनोद गोटिया, जयपाल चावड़ा, शैलेंद्र शर्मा, कृष्ण मोहन सोनी, सुनील पांडे और सुल्तान सिंह शेखावत सहित हर जिले में नेताओं की लंबी लिस्ट है।

सीएम का विशेषाधिकार, उचित समय पर होगा निर्णय

यह मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का विषय है। तीन महीने पहले 46 दर्जा मंत्रियों की नियुक्तियां निरस्त की गई थीं। अब संगठन की सलाह- मशविरा के बाद उचित समय पर नियुक्ति संबंधी निर्णय लिया जाएगा। – यशपाल सिंह सिसोदिया, प्रवक्ता मप्र भाजपा 

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