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शासकीय सेवा में पदस्थ महिलाओं को बड़ी सौगात, सीएम शिवराज ने की ये घोषणा

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को शासकीय सेवा में पदस्थ महिलाओं को लेकर बड़ी सौगात दी है। सीएम शिवराज ने कहा कि कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था, होली के कारण कोई कार्यक्रम हमने नहीं किया। लेकिन इससे पहले कुछ निर्णय बहनों के कल्याण के लिए हम कर चुके थे। कल मैंने ट्वीट करके मैंने कुछ जानकारियां दी थी। मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हमारी जो बहनें हैं, जो शासकीय सेवा में हैं, मातृत्व की जिम्मेदारी भी उनको संभालनी होती है, कई बार महिला होने के कारण कई और व्यस्तताएं उनकी होती हैं, इसलिए हमने तय किया है कि सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश देंगे, जिसे वह अपनी आवश्यकता अनुरूप उपयोग कर सकेंगी।

बेटियों को वित्‍तीय साक्षरता का पाठ पढ़ाया जाएगा : सीएम

सीएम शिवराज ने आगे कहा कि हमने यह भी तय किया है कि कक्षा 10 के बाद उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय एवं कॉलेज में बेटियों को वित्‍तीय साक्षरता हेतु पाठ पढ़ाया जाएगा, जो महिला उन्‍मुखी होगा। बालिकाओं को स्किल ट्रेनिंग की व्‍यवस्‍था दी जाएगी, जिसमें हैंडलूम, कढ़ाई, पारंपरिक लोक कलाओं की ट्रेनिंग सम्मिलित होगी। प्रदेश की महिला हथकरघा व हस्‍तशिल्‍प कारीगरों को एन.आई.डी. व निफ्ट संस्‍थानों के माध्‍यम से आधुनिक डिजाइन्‍स और उन्‍नत तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान कराया जाएगा।

आईटीआई में अध्ययनरत छात्राओं को डिजिटल व वित्तीय लिटरेसी, अंग्रेजी, कम्युनिकेशन और वर्क रेडिनेस का 60 से 80 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य की तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्राओं को रोजगार दिलवाने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षण और जॉब फेयर आयोजित किए जाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी बहनों-बेटियों को शुभकामनाएं देता हूं।

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खिलचीपुर की बेटी महिलाओं के लिए उदाहरण बनी

समाज की तरफ से कई प्रेरणादायक कार्य लगातार पूरे प्रदेश में होते रहते हैं। जब कोई ऐसा समाचार मिलता है तो स्वाभाविक रूप से मन को अत्यंत प्रसन्नता होती है। मध्य प्रदेश की एक बेटी है राजगढ़ जिले की खिलचीपुर महिला बाल विकास कार्यालय में सुपरवाइजर के पद पर पदस्थ है। वो बेटी है संतोष चौहान, जो महिलाओं के लिए प्रेरणा और एक उदाहरण बन गई है। दोनों हाथ न होने के बावजूद भी वह आंगनवाड़ियों के दो सेक्टर और 128 केंद्रों में कागजी काम स्वयं करती हैं। मोबाइल खुद लगाकर बात करती हैं और जरूरत पड़ने पर गांव का दौरा करके समस्याओं का निराकरण भी करती हैं।

सीएम शिवराज ने आगे बताया कि 1988 में कक्षा 5 में 8 साल की उम्र में करंट लग जाने के कारण उनके दोनों हाथ चले गए थे। काफी इलाज करवाने के बावजूद भी हाथ बचे नहीं। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, मुश्किलों में काम करते गई, पढ़ाई पूरी की और आज महिला बाल विकास सुपरवाइजर के पद पर पदस्थ हैं और सबको प्रेरणा दे रही हैं। मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं उनको शुभकामनाएं भी देता हूं।

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