
जबलपुर। नगर निगम सामान्य सभा की बैठक शुक्रवार सुबह बड़े हंगामे के साथ शुरू हुई। बैठक शुरू होने के 20 मिनट बाद भी जब अधिकारी सदन में नहीं पहुंचे तो विपक्ष के साथ सत्तापक्ष ने भी उनके मनमाने रवैये पर विरोध किया। अधिकारी को गैरहाजिर देखकर नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने कहा कि जब तक अधिकारी न आएं चर्चा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जवाब देना वाला ही कोई नहीं है। इसके बाद अध्यक्ष ने समय न गंवाने की नसीहत देते हुए बैठक को जारी रखने के निर्देश दिए। स्थिति सामान्य हो पाती, इससे पहले ही नेता प्रतिपक्ष ने एक बार फिर जल प्रभारी सहित सत्तापक्ष में जिम्मेदारी निभा रही अन्य महिलाओं के पतियों और अन्य परिजनों द्वारा हस्तक्षेप करने के मुद्दे को हवा दे दी।
कल्लन गुप्ता को लेकर भी हुआ हंगामा
नेता प्रतिपक्ष ने जल विभाग के मुद्दे को उठाते हुए जैसे ही कल्लन गुप्ता को जल प्रभारी कहते हुए संबोधित किया वैसे ही सत्तापक्ष ने उसका विरोध किया। इसके बाद मेयर ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि उन्हें पूर्व पार्षद होने के नाते कांग्रेस पार्षद दल का सहयोग करने का अधिकार है, लेकिन वे अधिकारियों की ऑफिशियल बैठक नहीं ले सकते। इसके बाद दोनों ही दल एक दूसरे की सत्ता के वक्त पार्षद पतियों की भूमिका याद दिलाने लगे और फिर बात दब गई।
जल संकट से कैसे निपटेंगे, इस पर चिंता जताई
भाजपा के पार्षद सुभाष तिवारी व अन्य ने नक्शा पास, गंदा पानी आदि विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि अगले माह से जल संकट आहट देगा, लेकिन इसके बाद भी अभी तक इस समस्या से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई। पार्षदों ने तो यहां तक कहा कि जल संकट इतना भीषण होने वाला है कि विरोध प्रदर्शन में फोड़ने के लिए मटके भी कम पड़ जाएंगे। हलांकि, मेयर ने आश्वासन दिया कि शहरवासियों को परेशानी न हों। जल संकट से निपटने के लिए टैंकर भरने के पॉइंट भी बढ़ाए जाएंगे। अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। विपक्ष ने शहर में स्ट्रीट लाइट और सफाई व्यवस्था की बदहाल स्थिति को भी सदन में उठाया।