
भोपाल। जाने-माने शायर, गीतकार आलोक श्रीवास्तव देश के साथ-साथ विदेशों में भी मशहूर हैं। उन्होंने अवॉर्ड विनिंग किताब आमीन और आफरीन लिखी हैं, इन किताबों की गजलें और कविताएं जगजीत सिंह, पंकज उदास, उस्ताद राशिद खान, शुभा मुद्गल, अमिताभ बच्चन आशुतोष राणा और कई सिंगर-एक्टर्स अपनी आवाज दे चुके हैं। आलोक ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में गीत लिखें हैं। अम्मा और बाबूजी पर लिखी उनकी कविता सुनकर लगता है कि यह सभी के मां-बाबूजी के ऊपर लिखी कविता है और यह भाव प्रधान बन पड़ती हैं।
पीपुल्स टीम ने आलोक श्रीवास्तव से उनके रचना कर्म और मानवीय संवेदनाओं की ध्वजवाहक उनकी कविताओं पर बात की। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से देश और दुनिया में मेरा छोटे रूप में सही लेकिन आलोकित हो रहा है लेकिन मैं चाहूंगा कि मप्र के लिए भी मुझे अपनी लेखनी चलाने का मौका मिले। बुंदेली उत्सव जैसे कार्यक्रमों का होना इस बात का संदेश है कि लोग अब समझ रहे हैं कि हमें अपने लोक की ओर लौटना होगा वर्जनाएं टूट रही हैं और आंचलिक भाषाएं फिर लोगों की जुबान पर होंगी।
पत्रकारिता व लेखन दोनों में सरोकार
मुझे पत्रकारिता और लेखन कभी भी दो अलग-अलग विधाएं नहीं लगी, पत्रकारिता और लेखन में जिस चीज की सबसे बड़ी जरूरत है वह है सरोकार। फर्क सिर्फ लय, ताल, स्वर का है। मेरी कविता जो 90 के मध्य में लिखी थी उसकी पंक्तियां आज वायरल हो रही है, यह पंक्तियां हैं, ये सोचना गलत है कि तुम पर नजर नहीं, मशरूफ हम बहुत है लेकिन बेखबर नहीं। इन्हें इंकम टैक्स के संदर्भ में भी पसंद किया जाता है।
महाशिवरात्रि पर शिव तांडव स्त्रोत का हिंदी भावानुवाद
शिव तांडव स्त्रोत का संपूर्ण श्रेय आशुतोष राणा को देता हूं, जिन्होंने पूरा विचार व अपनी आवाज भावानुवाद को दी। अगली शिवरात्रि पर संपूर्ण हिंदी स्त्रोत का भावानुवाद रिलीज करेंगे। कैलाश खेर के साथ एड फिल्म कर रहा हूं। दिल्ली एजुकेशन बोर्ड के लिए लिखा गीत बहुत पसंद किया गया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर फिल्म यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई थी।