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Haryana Cabinet Expansion : आचार संहिता के बीच 8 नए मंत्रियों ने ली शपथ, अनिल विज और राव इंद्रजीत को झटका, मंत्रियों की संख्या हुई 13

हरियाणा। जजपा के साथ गठबंधन तोड़ने और निर्दलीय विधायकों की मदद से राज्य में सरकार बनाने के कुछ दिनों बाद हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार मंगलवार को पूरा हो गया। आचा संहिता के बीच राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एक कैबिनेट और 7 राज्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीएम नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में 8 मंत्री शामिल हुए। इनमें एक महिला विधायक को भी जगह दी गई है।

दूसरे विस्तार में एक भी निर्दलीय को जगह नहीं

दूसरे विस्तार में एक भी निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। जबकि, भाजपा ने जजपा से गठबंधन तोड़कर 6 निर्दलीयों और एक हलोपा विधायक गोपाल कांडा के समर्थन से सरकार बनाई है। वहीं, जूनियर महिला कोच सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में फंसे संदीप सिंह का मंत्रिमंडल से पत्ता साफ कर दिया है।

नायब के विस्तार में मंत्रियों की संख्या हुई 13

जिन मंत्रियों ने शपथ ली उनमें कमल गुप्ता, सीमा त्रिखा, महिपाल ढांडा, असीम गोयल, अभय यादव, सुभाष सुधा, विशंभर वाल्मीकि और संजय सिंह शामिल हैं। इससे पहले 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ कंवरपाल गुर्जर, जेपी दलाल, मूलचंद शर्मा, डॉ. बनवारी लाल के अलावा निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने मंत्री पद की शपथ ली थी। आज 8 और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। अब हरियाणा मंत्रिमंडल में 13 मंत्री हो गए हैं।

पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को किया दरकिनार

नायब सैनी मंत्रिमंडल के विस्तार में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को दरकिनार कर दिया गया है। मनोहर लाल खट्टर की सरकार के दोनों कार्यकाल में अनिल विज कैबिनेट मंत्री रहे थे। अनिल विज शपथ समारोह में नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुझे शपथ ग्रहण की कोई जानकारी नहीं है। चर्चा थी कि मुख्यमंत्री नायब सैनी अंबाला कैंट के दौरे के दौरान अनिल विज से मुलाकात कर सकते हैं। उनकी गिनती पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में की जाती है।

मंत्रिमंडल विस्तार में राव इंद्रजीत को झटका

मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को राव इंद्रजीत सिंह के किसी भी समर्थक विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया, बल्कि उनके विरोधी गुट में गिने जाने वाले नांगल चौधरी से विधायक डॉ. अभय यादव को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

हरियाणा के 11वें सीएम बने नायब सिंह सैनी

अभी तक भाजपा, जजपा के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चला रही थी, लेकिन लोकसभा सीटों में बंटवारे पर बात नहीं बनने की वजह से भाजपा ने मंगलवार (12 मार्च) को गठबंधन तोड़कर निर्दलीयों के सहारे नई सरकार बना ली है। जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन तोड़ते हुए मनोहर लाल खट्टर ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ मंगलवार (12 मार्च) को इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

सीट शेयरिंग को लेकर टूटा गठबंधन

JJP लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 1 से 2 सीटें मांग रही थी जबकि BJP का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ने के पक्ष में है। इसी वजह से गठबंधन टूटा है। JJP के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दिल्ली में सोमवार को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मिले थे, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी।

हरियाणा विधानसभा का गणित क्या है?

हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। भाजपा ने 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 सीटों में से 40 सीटें जीती थीं। लेकिन वह बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई थी। वहीं कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जनता जननायक पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी, भाजपा ने जजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

हरियाणा में जजपा से गठबंधन टूटा लेकिन बहुमत भाजपा के ही पास है। हरियाणा में भाजपा के पास खुद के 41 MLA हैं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का भी उसे समर्थन हासिल है यानी भाजपा के पास 48 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।

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