
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के करीब आने के बीच देशवासियों के लिए बड़ी खबर है। देशभर में आज से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो गया। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे कयास थे कि पीएम मोदी इसका ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे पहले पीएम मोदी ने डिफेंस रिसर्च एंड डिजाइन ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
देखें CAA का नोटिफिकेशन…
लाइव अपडेट्स…
एक और ऐतिहासिक निर्णय : सीएम मोहन यादव
CAA की अधिसूचना जारी होने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सोशल मीडिया पर पोस्ट, इसे बताया ऐतिहासिक निर्णय, “X” पर लिखा- “इससे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की पीड़ा से उन अल्पसंख्यक नागरिकों को हमेशा के लिए मुक्त होने का रास्ता मिल सकेगा, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी”, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का जताया आभार।
एक और ऐतिहासिक निर्णय…
मानवता के कल्याण के लिए समर्पित आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (#CAA) लागू कर दिया गया है।
इससे हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की…
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) March 11, 2024
इतना विलंब क्यों किया…? – दिग्विजय सिंह
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान- “इतना विलंब क्यों किया ? और अगर विलंब किया तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी ? संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार है, मेरे मत में ये (CAA) भारतीय संविधान के खिलाफ है। देखें VIDEO…
मायावती ने उठाए सवाल
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को चुनाव से पहले लागू करने पर BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उठाए सवाल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- “CAA को लेकर संदेह, असमंजस व आशंकाएं पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।”
केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसेे लागू किया जाना ही बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) March 11, 2024
दिल्ली में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती
CAA नोटिफिकेशन जारी होने के बाद दिल्ली में पुलिस अलर्ट हो गई है। संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च निकला, पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती हो गई है। देखें VIDEO…
पीएम ने अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी
अग्नि-5 मिसाइल का उड़ान परीक्षण सफल, पीएम मोदी ने डिफेंस रिसर्च एंड डिजाइन ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेश में विकसित है अग्नि-5 मिसाइल।
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
क्या है CAA ?
- सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के लागू होने पर तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी, जो दिसंबर 2014 तक किसी ना किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए। जिसमें ये छह धर्म- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शामिल हैं।
नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से रोकता है। - 2016 में नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश हुआ था, यहां से पास होने के बाद ये राज्यसभा में अटक गया था। इसके बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया, फिर 2019 का चुनाव आ गया। 2019 दिसंबर में इसे दोबारा लोकसभा में पेश किया गया, इस बार ये बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगहों से पास हो गया।
- 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति से इस कानून के लिए मंजूरी मिल गई। लेकिन, कोरोना के कारण इसमें देरी हो गई।
2019 में दोनों सदन से पास हो चुका बिल
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) को 10 दिसंबर को संसद में पेश किया था। इस दिन यह बिल लोकसभा में पास हुआ। 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में CAB पेश किया गया था। जिस पर वोटिंग हुई। राज्यसभा में CAB के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। दोनों सदनों से पास होने के बाद यह बिल कानून बन गया।
6 बार हुआ संशोधन
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। इसमें अब तक 6 बार बदलाव किया जा चुका है। 1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019 में संशोधन किया जा चुका है।
12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी। पहले नागरिकता के लिए देश में 11 साल रहना जरूरी था। लेकिन, संशोधन के बाद इसकी अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई।
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