
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स मालिकों को खानपान सामग्री बेचने के नियम और शर्तें निर्धारित करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि वे तय कर सकते हैं कि थियेटर के अंदर बाहरी खाद्य पदार्थों को लाने की अनुमति दी जाए अथवा नहीं।
इस व्यवस्था के साथ शीर्ष अदालत ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें जुलाई 2018 में राज्य के मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघर मालिकों को निर्देश दिया गया था कि दर्शकों को थियेटर में उनकी खाद्य सामग्री और पानी लाने से नहीं रोका जाए।
CJI बोले- सिनेमाघर उसके मालिक की निजी संपत्ति
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि सिनेमाघर उसके मालिक की निजी संपत्ति है। उसे तब तक नियम और शर्तें तय करने का अधिकार है जब तक वे जनहित, सुरक्षा और कल्याण के विपरीत नहीं हों। पीठ ने कहा- दर्शक मनोरंजन के लिए सिनेमाघर में आते हैं। हमारा मानना है कि हाईकोर्ट ने राज्य को आदेश देकर संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने न्याय क्षेत्र की सीमाओं का उल्लंघन किया, जिसमें कहा गया कि दर्शक को सिनेमाघर परिसर में बाहर से खानपान की सामग्री लाने पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए।
HC के आदेश के खिलाफ SC पहुंचे थे सिनेमाघर मालिक
सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म देखनी है या नहीं, यह पूरी तरह दर्शक की पसंद का विषय है और यदि वह सिनेमाघर में प्रवेश करता है तो उसे सिनेमाघर के नियम और शर्तों का पालन करना होगा। अदालत ने कहा कि यह तय करने के लिए थियेटर मालिक स्वतंत्र हैं कि उनके परिसर में बाहर से खानपान लाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। पीठ ने कहा कि यह जाहिर तौर पर एक सिनेमाघर मालिक का व्यावसायिक निर्णय है। इसमें कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।