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बदलने वाला है ताजमहल का नाम? आगरा नगर निगम में पार्षद पेश करेंगे प्रस्ताव, जानिए क्या है पूरा मामला

सड़क, चौराहे, जिलों के नाम बदलने की कतार में ताजनगरी आगरा का ताजमहल भी आ गया है। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल का नाम बदलने के लिए बीजेपी के पार्षद शोभाराम राठौर ने नगर निगम में प्रस्ताव लगा दिया है। भाजपा पार्षद आज नगर निगम सदन के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पेश करेंगे।

ये नाम रखने की मांग

नगर निगम ताजगंज वार्ड पार्षद ने ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव दिया है। ताजगंज के भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर आज दोपहर तीन बजे से होने वाले नगर निगम सदन के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पेश करेंगे। पार्षद राठौर का कहना है कि उन्होंने प्रस्ताव संख्या 4(7) में इसके संबंध में कई तथ्य रखे हैं, जिनके आधार पर नाम बदलने का प्रस्ताव सदन के सामने रखा जाएगा। इससे पहले भी ताजनगरी में करीब साढ़े चार साल में 80 से ज्यादा सड़कों और चौराहों के नाम बदले जा चुके हैं।

पार्षद शोभाराम ने कहा- अब वक्त आ गया है कि…

पार्षद शोभाराम राठौर के मुताबिक मुगल रोड, घटिया आजम खां समेत कई सड़कों, चौराहों के नाम बदले गए हैं। इसलिए अब वक्त आ गया है कि ताजमहल का नाम भी बदलकर तेजो महालय किया जाए। वह ऐतिहासिक तथ्यों को सदन में रखेंगे और नाम बदलने पर समर्थन मांगेंगे। बता दें कि हिंदूवादी संगठन लगातार ताजमहल को तेजो महालय बताते आ रहे हैं। इसे लेकर कई बार विवाद भी खड़ा हो चुका है।

नाम बदलने के पीछे ये हैं तर्क

पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने के पीछे कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि ताजमहल नाम एक विदेशी यात्री द्वारा दिया गया है। जो कि मूलनाम तेजो महालय का अपभ्रंश है।

विश्व में किसी भी कब्रिस्तान के साथ महल शब्द नहीं जुड़ा है।

  • ऐतिहासिक और लिखित प्रमाण है कि उक्त परिसर राजा जयसिंह की संपत्ति थी, जिसे शाहजहां ने हथिया लिया था।
  • शाहजहां की कई पत्नियां थीं, इसलिए उनकी प्रेम कहानी काल्पनिक लगती है।
  • रिपोर्ट्स के मुताबि, रानी मुमताज का असली नाम अर्जुमंद बानो था। बुरहानपुर में उक्त स्मारक के निर्माण से 22 साल पहले कथित मुमताज की मृत्यु हुई थी। इसका कोई स्प्ष्ट उल्लेख नहीं है कि, इतने साल मुमताज के मृत शरीर को कैसे सुरक्षित रखा गया।

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हाउस टैक्स के सर्वे पर हो सकता है हंगामा

नगर निगम सदन के सामान्य अधिवेशन में हाउस टैक्स के सर्वे पर हंगामा हो सकता है। नगर निगम ने निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन से हाउस टैक्स का सर्वे कराया है। इस सर्वे के बाद नगर निगम ने 97 हजार नोटिस भेजे हैं। इनमें तमाम खामियां मिल रही हैं। दिसंबर में वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। चुनावी साल में 345 विकास कार्य रुके हुए हैं। 40 करोड़ रुपए के काम न होने के कारण पार्षद नाराज हैं। इस मामले में हंगामा हो सकता है।

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