
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में वर्चुअली शामिल हुए। पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से केंद्रीय जांच एजेंसियों का सहयोग करने की अपील भी की। पीएम ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है। इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।
एक-दूसरे से सीख सकते हैं राज्य
पीएम मोदी ने कहा कि सूरजकुंड में गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है। राज्य एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं और देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। यह संविधान की भावना है और हमारे नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य है।
ये भी पढ़ें- Elon Musk ने संभाली Twitter की कमान, CEO पराग अग्रवाल समेत 4 टॉप अफसरों को हटाने का दावा
पुलिस के लिए वन नेशन, वन यूनिफॉर्म पर हो विचार
पीएम मोदी ने कहा कि सभी राज्यों को पुलिस के लिए ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म’ लाने के लिए विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, हो सकता है कि इसमें 5, 50 या 100 साल लगें, लेकिन हमें इसपर विचार करना चाहिए।
नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा। बीते वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है।
बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों ने भी देश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है। आतंकवाद हो, हवाला नेटवर्क हो, भ्रष्टाचार हो, इस पर देश ने अभूतपूर्व शक्ति दिखाई है। लोगों में विश्वास पनपने लगा है।
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में लगी भीषण आग, 15 मकान जलकर खाक
अगले 25 साल अमृत पीढ़ी के निर्माण के
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, और नागरिक कर्तव्य… इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली-भांति जानते हैं, समझते हैं। ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है।