
रायपुर। बीजेपी ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के नए नामों का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को आलाकमान की मौजूदगी में शपथ भी ले ली। अब बारी प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की है। सीजी में सीएम विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं अब तेज हैं। गुरूवार को नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद ये माना जा रहा है कि दो डिप्टी सीएम के बाद अब जल्द ही कैबिनेट के अन्य मेंबर भी तय हो जाएंगे। कयास लगाए जा रहे है कि साय, शर्मा और साव की ट्रिपल एस कैबिनेट में 13 मंत्री और शामिल हो सकते हैं। जिसमें नए और पुराने चेहरों को मौका मिल सकता है। हालांकि कई विधायक मिनिस्टर बनने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन ये भी सच है कि अब सूबे के अहम फैसले रायपुर से ज्यादा दिल्ली से तय होंगे। इसीलिए सभी की नजरें आलाकमान पर टिकी हुई हैं।
सभी वर्गों को साधने की होगी कोशिश
छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीटें हैं। जिनमें से 54 सीटों पर बीजेपी ने भगवा फहराया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, साय कैबिनेट में इस बार कुछ ऐसे चेहरे भी होंगे, जो पहली बार विधायक बने हैं। इस कैबिनेट विस्तार में सभी वर्गों को साधने की कोशिश होगी। मंत्रियों में एसटी, एससी और ओबीसी सब को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। वैसे अगर इस राज्य की बात करें तो 90 में से 39 सीटें रिजर्व हैं, जिनमें से 29 एसटी और 10 एससी वर्ग के लिए हैं। शेष 51 सीटें सामान्य कोटे की हैं। प्रदेश की आधी सीटों पर सबसे ज्यादा प्रभाव ओबीसी वर्ग का है क्योंकि 47% आबादी और एक चौथाई विधायक इसी वर्ग से आते हैं।
ये हैं फिलहाल मिनिस्टर बनने की रेस में आगे
बृजमोहन अग्रवाल – रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट विधायक रहे अग्रवाल 2023 के विधानसभा चुनावों में 8वीं बार विधायक बने।
राजेश मूणत – रायपुर पश्चिम से विधायक राजेश मूणत बीजेपी का अनुभवी चेहरा हैं। वे रमन सरकार में मंत्री और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
रेणुका सिंह – सांसद और केबिनेट मंत्री रही हैं। उन्हें बीजेपी आलाकमान ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भेजा, इसलिए उनकी दावेदारी सबसे मज़बूत मानी जा रही। भरतपुर-सोनहत से विधायक रेणुका का नाम सीएम की रेस में भी शामिल था, लेकिन आलाकमान ने साय के नाम को हरी झंडी दिखाई
रामविचार नेताम – गृह जेल, जल संसाधन, उच्च शिक्षा, राजस्व और आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री पदों का दायित्व संभाल चुके हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव, बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में संगठन में भी काम कर चुके हैं। रामानुजगंज से विधायक और प्रबल दावेदार हैं।
गोमती साय – पत्थलगांव से विधायक ने अपने क्षेत्र से 8 बार के विधायक रामपुकार सिंह को हराया है। वे लोकसभा सदस्य भी रही हैं और प्रदेश का आदिवासी चेहरा मानी जाती हैं।
अजय चंद्राकर – कुरुद सीट से 2023 के चुनावों में 5वीं बार विधायक बने हैं। 2003 और 2013 मे मंत्री भी रहे। मंत्री बनने पर सरकार को उनकी तेजतर्रार छवि का फायदा भी मिल सकता है।
विक्रम उसेंडी – अंतागढ़ से विधायक और आदिवासी नेता होने के साथ-साथ रमन सरकार में मंत्री भी रहे हैं। लोकसभा सदस्य और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
ओपी चौधरी – रायगढ़ से बीजेपी के महासचिव और पूर्व आईएएस हैं। वे युवा नेता होने के साथ ही ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा बन गए हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की पसंद हैं और इस विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी प्रकाश नाइक को 64443 भारी मतों से हराकर विधानसभा पहुंचे हैं।
लता उसेंडी– कोंडागांव से विधायक और बस्तर संभाग की आदिवासी महिला नेता पूर्व में मंत्री रह चुकी हैं। फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। वे साय कैबिनेट में प्रबल दावेदार हैं।
केदार कश्यप – नारायणपुर से विधायक कश्यप रमन सिंह की सरकार में मंत्री थे। उन्हें बस्तर संभाग का बड़ा आदिवासी नेता माना जाता है।
ये भी हैं दौड़ में
इस रेस में अम्बिकापुर विधानसभा से राजेश अग्रवाल और पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो के नाम भी शामिल हैं। बीजेपी ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सीएम की रेस में चल रहे अनुभवी नामों को दरकिनार कर नए चेहरे को मौका दिया। वैसा ही मंत्रिमंडल में भी देखने को मिल सकता है। फिलहाल उम्मीद यही जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ की नई सरकार को मंत्रिमंडल में जल्द ही कुछ अनुभवी और युवा मंत्रियों का कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा।
ये भी पढ़ें- CG CM Oath Ceremony : विष्णु ने “देव” पूजन के बाद ली CM पद की शपथ, अरुण और विजय बने डिप्टी सीएम
One Comment