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अब उज्बेकिस्तान का भारतीय दवा कंपनी पर आरोप, कहा- दवा पीने से 18 बच्चों की मौत हुई

नई दिल्ली। कुछ समय पहले गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के आरोपों के बाद एक बार फिर भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी पर आरोप लगे हैं। अब उजबेकिस्तान ने अपने देश में कुछ बच्चों की मौत के मामले में भारत की Marion Biotech pvt Ltd को जिम्मेदार ठहराया है। उजबेकिस्तान का आरोप है कि इस कंपनी द्वारा निर्मित सिरप डॉक-1 मैक्स पीने के बाद उनके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई। यह कंपनी 2012 में उजबेकिस्तान में रजिस्टर्ड हुई थी। इधर, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों का कहना है कि उजबेकिस्तान में जिस ब्रांड के सिरप पीने से बच्चों की मौत की बात कही जा रही है, उस ब्रांड नेम से सिरप भारत में नहीं बेचा जा रहा है।

गाम्बिया में हुई मौतें सिरप से होने की पुष्टि नहीं

अक्टूबर 2022 में गाम्बिया के 66 बच्चों की मौत हो गई थी। गाम्बिया का दावा था कि भारतीय कंपनी मेडन फार्मा का सिरप पीने के बाद इन बच्चों की मौत हुई है। हालांकि, इसकी अब तक नहीं हुई है कि भारतीय कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत हुई है। इसके बाद केंद्र सरकार ने जांच के लिए स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। उस वक्त कंपनी ने सिरप का प्रोडक्शन भी बंद कर दिया था। कमेटी ने अक्टूबर में 1,3,6 और 11 तारीख को उस जगह का निरीक्षण भी किया, जहां इस सिरप का प्रोडक्शन किया जा रहा था। यहां से कमेटी ने सैंपल लेकर चंडीगढ़ स्थित लैब भेजे थे।

केंद्र ने मेडन फार्मा को दी थी क्लीनचिट

केंद्र सरकार ने सिरप के सैंपल्स की पूरी जांच के बाद इसकी निर्माता कंपनी मेडन फार्मा को इसी महीने क्लीनचिट दी थी। सरकार ने जांच में पाया था कि मेडन फार्मा का सिरप सभी मानकों पर खरा उतरा है और इसमें कोई मिलावट नहीं है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र ने राज्यसभा में जवाब भी दिया कि मेडन फॉर्मा के कफ सिरप में खामी नहीं पाई गई है।

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