
नैरोबी। केन्या और सोमालिया में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है। कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और 10 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। सोमालिया में संघीय सरकार ने बिगड़े मौसम से हुई तबाही के बाद राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। सोमालिया में आपदा की वजह से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में मकान, सड़कें और पुल तबाह हुए हैं।
बाढ़ में फंसे करीब 2400 लोग
आपात एवं बचाव कर्मी दक्षिणी सोमालिया के जुबालैंड राज्य के ल्युक जिले में बाढ़ के पानी में फंसे करीब 2400 लोगों तक पहुंच बनाने के प्रयास में जुटे हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने जुबा और शबेले नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ की चेतावनी दी और सभी लोगों को वहां से निकालने का आदेश दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमालिया आपदा प्रबंधन एजेंसी संकट से निपटने के लिए सुचारू रूप से काम कर रही है और लोगों को निकालने में मदद के लिए उसने डोलो के लिए एक विमान, किसमायो से ल्युक के लिए दो नावें और बाराधीर के लिए एक नाव भेजने की योजना बनाई है। अगले कुछ दिनों में मौजूदा बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की संभावना है, क्योंकि ऊंचाई पर स्थित इथियोपियाई हाइलैंड्स से ज्यादा पानी नीचे की ओर आ सकता है।
अकाल के कगार पर सोमालिया
सोमालिया में लगातार चार वर्षों तक पड़े सूखे के बाद इस साल हुई भारी बारिश ने देश को अकाल के कगार पर ला खड़ा किया है। पड़ोसी देश केन्या में केन्या रेड क्रॉस ने बताया कि शुक्रवार से शुरू हुई भारी बारिश से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। रेड क्रॉस के मुताबिक, केन्या का बंदरगाह शहर मोम्बासा, उत्तरपूर्वी शहर मंदेरा और वजीर भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले शहर हैं। केन्या रेड क्रॉस ने बताया कि रविवार को अचानक आई बाढ़ ने 241 एकड़ कृषि भूमि को नष्ट कर दिया और 1067 जानवरों की मौत हो गई।
केन्या के मौसम विभाग ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि अक्टूबर और दिसंबर के बीच आमतौर पर कुछ दिनों तक होने वाली वर्षा इस बार पहले के मुकाबले काफी ज्यादा होगी।
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