
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज शाम 7 बजे देश को संबोधित करेंगे। बतौर राष्ट्रपति उनका ये आखिरी राष्ट्र के नाम संबोधन होगा। वहीं द्रौपदी मुर्मू सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में देश के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। इससे पहले शनिवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह हुआ। इस दौरान कोविंद को विदाई पत्र और स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
कहां सुन सकते हैं संबोधन
बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आखिरी राष्ट्र के नाम संबोधन आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर पहले हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारण होगा। संबोधन का हिंदी और अंग्रेजी में प्रसारण किए जाने के बाद दूरदर्शन के सभी क्षेत्रीय चैनलों द्वारा इसे क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा। वहीं आकाशवाणी अपने क्षेत्रीय नेटवर्क पर संबोधन को क्षेत्रीय भाषाओं में रात साढ़े नौ बजे से प्रासरित करेगा।
सोमवार को शपथ लेंगी द्रौपदी मुर्मू
रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वह रविवार (24 जुलाई) को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश की 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया था। 64 वर्षीय मुर्मू ने 64 प्रतिशत से अधिक वैध मतों के साथ भारी अंतर से जीत हासिल की थी। वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
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सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले आखिरी राष्ट्रपति बने कोविंद
संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले रामनाथ नाथ कोविंद आखिरी राष्ट्रपति हैं। संसद भवन की नई इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम जल्द पूरा हो जाएगा और उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र में संसद की कार्यवाही नई बिल्डिंग में ही होगी। वर्तमान संसद भवन में पहली विदाई विलियम माउंटबेटन की हुई थी और आखिरी रामनाथ कोविंद की हुई है।
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दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम करें…
विदाई समारोह में कोविंद ने सभी सांसदों और मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी के लिए यह गर्व की बात है कि आप भारत की जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। मेरे सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। कोविंद ने कहा कि पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आंबेडकर के सपनों का भारत बन रहा है।
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