
महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई खिलाड़ियों ने मोर्चा खोल दिया है। कई खिलाड़ियों ने नेशनल चैंपियनशिप का बायकॉट कर दिया है। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई खिलाड़ी बिना मैच खेले ही वापस लौट रहे हैं।
इन खिलाड़ियों का कहना है कि हम स्वेच्छा से मैच नहीं खेल रहे हैं। दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे भाई-बहनों के समर्थन में बिना खेले वापस जा रहे हैं। हम पहले जंतर-मंतर पर जाएंगे, उसके बाद घर चले जाएंगे। बता दें कि नंदिनी नगर में शनिवार से नेशनल चैंपियनशिप प्रतियोगिता है।
हमने केंद्रीय खेल मंत्री के सामने अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने हमें शाम 6 बजे एक बार फिर मिलने का समय दिया है। कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर हम संतुष्ट नहीं हैं। इन्हीं पर शाम 6 बजे बात होनी है : पहलवान विनेश फोगट
बुल्गारिया पर कही ये बात
बुल्गारिया में महिला खिलाड़ियों के होटल में रुकने के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि रुकने की व्यवस्था हम नहीं करते। आयोजक करते हैं। जिस खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उनके होटलों का दरवाजा खुला रहता था, वह खिलाड़ी उस टूर्नामेंट में नहीं थी। उन्होंने कहा-मैंने जो बोलना है बोल दिया है। मेरे लिए कुछ रहने दीजिए। आपने इस्तीफा नहीं दिया तो आपसे जबरन लिया जाएगा। बृजभूषण ने कहा- हम मुंह खोल देंगे तो शायद सुनामी आ जाए। बृजभूषण ने कहा- मैं किसी की दया पर नहीं बैठा हूं। चुना हुआ अध्यक्ष हूं।
IOA को सौंपी चार सूत्रीय मांगें
इस बीच दिल्ली के जंतर-मंतर पर रेसलर्स का धरना और प्रदर्शन जारी रहा। सुबह से ही खिलाड़ियों का जमावड़ा यहां लगने लगा था। पहलवानों ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति बनाने की मांग की। गुरुवार को पहलवानों ने सिंह के खिलाफ कार्रवाई न होने पर एफआईआर कराने की चेतावनी दी थी। IOA अध्यक्ष पीटी उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने चार मांगें रखी हैं। इसमें यौन शोषण की शिकायतों की जांच के लिए समिति गठित करने, WFI को भंग करने और बृजभूषण शरण सिंह को बर्खास्त करने की मांग की गई है। चौथी मांग है कि पहलवानों के साथ मशविरा कर राष्ट्रीय महासंघ के संचालन के लिए नई समिति बनाई जाए। इस पत्र पर रवि दहिया, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और दीपक पूनिया के हस्ताक्षर हैं।
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