भोपालमध्य प्रदेश

एमपी में बच्चों में बढ़ता वायरल फीवर, राजधानी में 200 से ज्यादा बच्चे अस्पतालों में भर्ती, जेपी में बेड फुल

केले जेपी अस्पताल में ही रोजाना एक दर्जन से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि यहां बच्चों को भर्ती करने के लिए बेड कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में उन्हें पेटी पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है।

भोपाल। मौसम में बदलाव के साथ ही राजधानी में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने लगा है। खासकर इससे बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अकेले जेपी अस्पताल में ही रोजाना एक दर्जन से अधिक बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि यहां बच्चों को भर्ती करने के लिए बेड कम पड़ने लगे हैं। ऐसे में उन्हें पेटी पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है।

जेपी अस्पताल में बच्चों के लिए दो वार्ड आरक्षित हैं। इनमें 30 बेड हैं, जबकि यहां 46 बच्चे भर्ती हैं। हांलाकि गंभीर बच्चों को भर्ती करने के लिए अलग से वार्ड भी बनाया गया है। सोमवार को ओपीडी में बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चों के साथ लाइन में लगी थीं।

वहीं शिशु रोग विशेषज्ञों के कक्ष के बाहर भी काफी भीड़ थी। इधर, हमीदिया अस्पताल परिसर स्थित कमला नेहरू अस्पताल में भी वायरल फीवर, सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

इन सावधानियों का रखें खास ख्याल

  • बच्चों को जंक फूड नहीं दें।
  • घर और उसके आसपास सफाई रखें, पानी एकत्र न होने दें।
  • तला-भुना खाने के लिए न दें।
  • पानी उबालने के बाद ठंडा कर पिलाएं, दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिलाएं।
  • बुखार होने पर टेंप्रेचर लेते रहें और डॉक्टर को दिखाएं।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा बच्चों को न दें।

बुखार से पीड़ित बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। इनका कोविड टेस्ट कराया जा रहा है। अभी तक कोई बच्चा पॉजीटिव नहीं आया है। डेंगू का टेस्ट भी किया जाता है। दो बच्चे डेंगू पीड़ित मिल चुके हैं।
डॉ. अरुणा दीक्षित, प्रभारी, शिशु रोग विभाग, जेपी अस्पताल

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