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World Hearing Day : कान में हो रही तकलीफ को क्या आप भी कर रहे नजरअंदाज? बहरेपन का बढ़ सकता है खतरा

वर्ल्ड हियरिंग डे यानी विश्व श्रवण दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को बहरेपन की समस्या के बारे में जागरूक करना और इसके खतरों की जानकारी देना होता है। इसके साथ लोगों को यह जानकारी भी दी जाती है कि वह कैसे अपने कान के स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं।

400 मिलियन लोग खो चुके हैं अपनी सुनने की क्षमता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, आज के समय में 400 मिलियन लोग अपनी सुनने की क्षमता खो चुके हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि लोग अपने कान में होने वाली आम समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं। समय पर इन परेशानियों पर ध्यान न देने से आप बहरेपन का शिकार हो सकते हैं। बहरापन मिडिल (मध्य) कान या भीतरी कान में हुई किसी परेशानी की वजह से हो सकता है। इसके अलावा कई लोग जन्म से और बढ़ती उम्र में बहरेपन का शिकार हो सकते हैं।

क्या है इस वर्ष की थीम?

इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ल्ड हियरिंग डे 2022 की थीम ‘टू हियर फॉर लाइफ, लिसन विद केयर’ रखी है। इससे पहले साल 2021 में विश्व श्रवण दिवस की थीम ‘हियरिंग केयर फॉर ऑल’ थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2007 में यह दिन मनाने की घोषणा की थी। शुरुआत में इस दिन का नाम इंटरनेशनल ईयर केयर रखा गया था। लेकिन वर्ष 2016 में इसे बदलकर वर्ल्ड हियरिंग डे यानी विश्व श्रवण दिवस रख दिया गया।

ये हैं बहरेपन के लक्षण

अगर कोई व्यक्ति आपसे कुछ दूर से बात कर रहा है और उससे सुनने में आपको परेशानी हो रही है तो समझे की यह बहरेपन के शुरुआती लक्षण हैं। कई बार व्यक्ति सुन सकता है लेकिन कुछ शब्द स्पष्ट नहीं होते हैं। अगर कोई बुलाता है तो यह जानना मुश्किल है कि आवाज किस दिशा से आ रही है। यह सब बहरेपन के लक्षण हैं।

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क्या हैं मुख्य कारण?

सुनने की क्षमता में कमी के मुख्य कारण उम्र बढ़ना, जोरदार शोर होना, आनुवंशिकता, हानिकारक या अन्य बिमारियों में दी जाने वाली दवा, कान का संक्रमण, चोट लगना, शराब या तंबाकू, उच्च रक्तचाप या मधुमेह, शराब पीना या धूम्रपान करना है।

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