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ICICI Bank Fraud Case: CBI ने Videocon के मालिक वेणुगोपाल धूत को किया गिरफ्तार

मुंबई। केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने बैंक लोन फ्रॉड केस में बड़ी कार्रवाई की है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वसेटिगेशन ने वीडियोकॉन के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है। आईसीआईसीआई वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।

26 दिसंबर तक CBI की हिरासत में कोचर

चंदा और दीपक कोचर को CBI ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को उन्हें 3 दिन (24 से 26 दिसंबर) की CBI कस्टडी में भेज दिया था। वीडियोकॉन ग्रुप को रेगुलेशन के खिलाफ जाकर दिए गए करोड़ों रुपए के लोन के मामले में ये गिरफ्तारी हुई थी।

कोचर के वकील ने गिरफ्तारी पर उठाए कई सवाल

सीबीआई ने दंपती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत ‘आपराधिक विश्वासघात’ के आरोप लगाने की अनुमति के लिए अदालत में अर्जी दी। CBI ने कोर्ट को बताया कि दोनों अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसलिए हम क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट की IPC की धारा 409 जोड़ना चाहते हैं।

वहीं कोचर के वकील अमित देसाई ने गिरफ्तारी को अवैध बताया। उन्होंने कहा कि, ‘CBI कानून के अनुपालन में गिरफ्तारी करने में विफल रही है। असहयोग गिरफ्तारी का आधार नहीं है।’ वकील ने कहा कि, इन लोन्स के लाभार्थी (वीएन धूत) है। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर CBI को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।’

क्या है पूरा मामला

आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था। अक्टूबर 2018 में इस मामले को लेकर चंदा को इस्तीफा देना पड़ा था।

दीपक और चंदा कोचर पर ICICI बैंक की ओर से वीडियोकॉन को दिए गए लोन के जरिए फ्रॉड करने का आरोप है। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए। इस मामले में दीपक और चंदा कोचर के खिलाफ CBI, ED, SFIO और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं।

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