कनाडा की राजनीति में इस समय उथल-पुथल का दौर चल रहा है। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल की सांसद अनीता आनंद का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रमुखता से लिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सत्ताधारी लिबरल पार्टी इस साल होने वाले संसदीय चुनाव से पहले नया प्रधानमंत्री चुन सकती है। बुधवार यानी आज पार्टी के नेशनल कॉकस की बैठक भी होने वाली है।
प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे अनीता आनंद
वहीं कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की रेस में अनीता आनंद, क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी जैसे प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं। इनमें से भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद अपने प्रभावशाली शासन और सार्वजनिक सेवा के अच्छे रिकॉर्ड के कारण सबसे मजबूत दावेदारों में एक मानी जा रही हैं। माना जा रहा है कि पार्टी में अनीता के नाम पर सहमति बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो वो कनाडा में प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत महिला होंगी।
अगर अनीता आनंद कनाडा की पीएम बनती है तो उम्मीद की जा सकती है कि कनाडा के रिश्ते भारत के साथ फिर से अच्छे हो सकते हैं, जो ट्रूडो के वक्त अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई।
नेशनल कॉकस की बैठक में बन सकती है सहमति
कनाडा में अक्टूबर में चुनाव होने हैं। ऐसे में तब तक देश को एक नए पीएम की ज़रूरत है। हालांकि जब तक लिबरल पार्टी नए पीएम के नाम का फैसला नहीं करती, तब तक ट्रूडो को कार्यवाहक पीएम माना जाएगा। फिलहाल कनाडा का अगला पीएम कौन होगा, इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है। आज यानी कि बुधवार 8 जनवरी को लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा की नेशनल कॉकस मीटिंग होगी। इस मीटिंग में अनीता के नाम पर सहमति बनने की संभावना जताई जा रही है।
57 साल की अनिता पेशे से वकील और लिबरल पार्टी की सीनियर मेंबर हैं। वह 2019 से कनाडाई संसद की सदस्य भी हैं। वह 2024 से ट्रांसपोर्ट और इंटरनल ट्रेड मिनिस्टर हैं।
जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को दिया था इस्तीफा
बता दें कि पार्टी नेताओं की तरफ से लगातार बढ़ते दबाव के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को पार्टी लीडर और PM दोनों पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी सरकार का कार्यकाल अक्टूबर तक था। वे नवंबर 2015 में देश के प्रधानमंत्री बने थे।
कौन हैं अनीता?
57 वर्षीय अनीता का जन्म 20 मई, 1967 को कनाडा के नोवा स्कोटिया प्रांत के केंटविल में हुआ था। उनके माता-पिता, सरोज डी. राम और एसवी (एंडी) आनंद, दोनों भारतीय डॉक्टर थे। अनिता के पिता तमिलनाडु जबकि मां पंजाब की रहने वाली थीं। हालांकि अनिता का जन्म और पालन-पोषण कनाडा के ग्रामीण क्षेत्र नोवा स्कोटिया में हुआ था।
अनीता आनंद ने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और तब से लिबरल पार्टी की सबसे महत्वाकांक्षी सदस्यों में से एक बन गई। उन्होंने 2019 में कनाडा की ओकविले सीट से पहला संसदीय चुनाव जीता था, जिसके बाद उन्हें उसी साल सार्वजनिक सेवाओं और खरीद का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। अनिता कनाडा का रक्षा मंत्रालय संभालने वाली दूसरी महिला हैं। इससे पहले 1990 में किम कैंबल ने ये जिम्मेदारी संभाली थी। 2024 से अनीता परिवहन मंत्रालय और आंतरिक व्यापर मंत्रालय संभाल रही हैं।
आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीतिक अध्ययन में स्नातक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में स्नातक, डलहौजी और टोरंटो विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्होंने येल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया है। राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह टोरंटो विश्वविद्यालय में विधि की प्रोफेसर थीं।
क्या है इस्तीफे के परिणाम
ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया हैं। इससे लिबरल पार्टी को नेतृत्व संकट का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, समय से पहले चुनाव कराए जाने की मांग और तेज हो सकती है। कंजर्वेटिव पार्टी महंगाई और अन्य मुद्दों पर ट्रूडो सरकार को घेर रही है, समय से पहले चुनाव होने की स्थिति में बहुमत हासिल कर सकती है।
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