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शोक में डूबा चिली, पूर्व राष्ट्रपति Sebastian Pinera का निधन; हेलीकॉप्टर हो गया क्रैश

विना डेल मॉर (चिली) चिली के पूर्व राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे और दो बार राष्ट्रपति पद संभाल चुके थे। चिली की गृह मंत्री कैरोलिना टोहा ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन की पुष्टि की। इसमें पूर्व राष्ट्रपति समेत 4 लोग सवार थे, जिनमें से 3 सुरक्षित है और खतरे से बाहर हैं। घटना मंगलवार देर रात की है। कार्यालय के एक बयान के अनुसार, हेलीकॉप्टर दक्षिणी चिली के लॉस रिओस इलाके में क्रैश हुआ।

हादसे के वक्त हो रही थी बारिश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के वक्त आसपास के इलाकों में काफी बारिश हो रही थी। हालांकि, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। चिली की नौसेना ने दुर्घटनास्थल से पिनेरा के शव को बरामद किया है।

छुट्टियां बिताने लागो रैंको गए थे

यह दुर्घटना सैंटियागो से लगभग 920 किलोमीटर (570 मील) दक्षिण में एक झील जिले लागो रैंचो में हुई, जहां पिनेरा अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ छुट्टियां मना रहे थे। उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा, “बड़े अफसोस के साथ हम चिली गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति की मृत्यु की घोषणा करते हैं।”

चिली में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। वहीं, देश पहले से ही जंगल की आग की वजह से राष्ट्रीय शोक की स्थिति में था।

कब से कब-तक रहा कार्यकाल

पिनेरा 2010 से 2014 और फिर 2018 से 2022 तक देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए और उनके कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के अलावा भूकंप और सुनामी जैसी चुनौतियां सामने आईं। लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित रखने के लिए देश में तेजी से टीकाकरण अभियान चलाने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।

देश में अक्टूबर 2019 में शिक्षा, स्वास्थ्य और पेंशन प्रणालियों के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए थे और उस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के बल प्रयोग से पिनेरा की छवि धूमिल हुई थी।

आग की चपेट में 92 जंगल, 100 से ज्यादा मौतें

चिली के जंगलों में कुछ दिन पहले भीषण आग लगी थी। ये आग जंगल से रिहायशी इलाकों में फैल गई थी, जिसकी चपेट में आने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 200 से ज्यादा लोग लापता बताए गए थे। चिली के शहर में उस वक्त वालपराइसो में पूरे आसमान में काला धुआं दिखाई दे रहा था, जिससे लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ा। इस आग में घर, मकान, गाड़ियां सब कुछ जलकर राख हो गया था।

चिली की गृह मंत्री कैरोलिना तोहा ने जानकारी दी थी कि देश के मध्य और दक्षिण के 92 जंगल आग की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद तापमान असामान्य रूप से ज्यादा पाया गया। वालपराइसो क्षेत्र में सबसे भीषण आग लगी थी। जिसके बाद वालपराइसो क्षेत्र में तीन आश्रय शिविर बनाए गए थे।

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