
भोपाल। नगरीय निकाय खुद की बिजली तैयार करने में टालमटोल कर रहे हैं। सिर्फ भोपाल, इंदौर नगर निगम इस मामले में आगे बढ़े हैं, इन शहरों में बिजली संयंत्र लगाने के लिए निजी कंपनियों से अनुबंध किया है। इनमें सोलर संयंत्र लगाने, बिजली तैयार करने सहित अन्य व्यवस्थाओं में करीब एक साल का समय लगेगा। निकायों को भारी भरकम बिजली से निजात दिलाने के लिए सरकार ने उन्हें तीन वर्ष पहले सोलर संयंत्र लगाने के लिए सुझाव दिए थे। यह निर्देश दिए गए थे कि वर्तमान बिजली के बिल को कम किया जाए। इसमें निकायों को यह भी कहा गया था कि वे चाहे तो कई निकाय मिलकर एक क्लस्टर तैयार करें और आपस में समझौता कर सोलर प्लांट लगा सकते हैं। सोलर योजना से निकायों को मिल सकती राशि: सोलर योजना से निकायों को भारत सरकार के जरिए कुछ सब्सिडी दिलाने पर विचार किया जा रहा है जिससे वे सोलर संयंत्र लगा सकें। वहीं निजी निवेशकों से भी सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए पीपीपी मोड पर अनुबंध कर सकेेंगे।