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Ankita Murder Case : सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान, अंकिता भंडारी के परिजनों को सरकार देगी 25 लाख रुपए

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अंकिता भंडारी के परिवार के लिए बड़ी घोषणा की है। सीएमओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सीएम धामी ने अंकिता के परिवार के लिए 25 लाख रुपए के आर्थिक मुआवजे का एलान किया है।

‘पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल सके’

सीएमओ ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिवंगत अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय से अनुरोध किया गया है।

सीएम धामी ने दिया था आश्वासन

इससे पहले अंकिता भंडारी के अंतिम संस्कार के दिन स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया था। तब स्थानीय लोगों द्वारा अंकिता के परिवार को सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की गई थी। उसी दिन पहले परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में सीएम पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन पर ही उन्होंने अंतिम संस्कार किया था। जिसके बाद अब सीएम धामी ने मुआवजे का एलान किया है।

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क्या है पूरा मामला ?

दरअसल पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित गंगा भोगपुर के वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे में नहीं दिखी। उसके पिता रिजॉर्ट पहुंचे और कर्मचारियों से पूछताछ की। बेटी का पता नहीं चलने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। राजस्व पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई थी, जो बीते दिन ही रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर की गई। अंकिता का पता लगाने के लिए पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया।

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रिजॉर्ट क्यों तोड़ा, उसमें तो सबूत थे…

अंकिता के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें प्रशासन की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। जब तक अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक बेटी की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। परिजनों ने सवाल करते हुए पूछा कि ‘रिजॉर्ट को क्यों तोड़ा गया, जबकि उसमें तो सबूत थे ? इसके साथ ही परिजनों ने मांग की है कि अंकिता मर्डर केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा हो सके।

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