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बड़ी हार वाली विस सीटों पर भाजपा का आक्रामक कैंपेन

पीएम मोदी, शाह, नड्डा और राजनाथ ले रहे सभाएं : 30 से अधिक सीटों पर 25 से 63 हजार वोटों का फासला

राजीव सोनी- भोपाल। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत सुनिश्चित करने केंद्रीय मंत्री और सांसदों को मैदान में उतारने के साथ ही और भी कई प्रयोग किए हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव के दौरान बड़ी हार वाली एक दर्जन से अधिक सीटों पर पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। छिंदवाड़ा, श्योपुर, जबलपुर पूर्व, कुक्षी और राघोगढ़ जैसे विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के सामने विजयी पताका फहराने की दोहरी चुनौती है। हालांकि ऐसी तीन दर्जन सीटों पर मौजूद 25 से 62 हजार तक वोटों का गड्ढा पाटने के लिए प्रबंधन के स्तर पर भी भाजपा ने कई व्यवस्थाएं जुटाई हैं। यही कारण है कि इस बार चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक केंद्रीय नेता मध्यप्रदेश के लिए ज्यादा समय दे रहे हैं। आधा दर्जन क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां पिछले चुनाव के दौरान भाजपा तीसरे स्थान पर थी।

”दूध का जला छांछ भी फूंक कर पीने.. वाले फार्मूले पर अमल करते हुए भाजपा ने मिशन 2023 को फतह करने ऐसी सीटों पर इस बार चुनावी व्यवस्थाओं में बदलाव के साथ ही आक्रामक अंदाज में कैंपेन चलाया है।

इन सीटों पर है चुनौती

2018 में भाजपा को जिन सीटों पर 25 हजार से लेकर 63 हजार वोटों तक शिकस्त मिली, उनमें पानसेमल (25,222) से लेकर कुक्षी (62,930) जैसी ट्राइबल अंचल के विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सीटों पर इस बार प्रत्याशियों के सामने पिछली हार का अंतर पाटने के साथ जीत का अंतर बढ़ाने की चुनौती है। ऐसी सीटों में सैलाना, बदनावर, गंधवानी, सरदारपुर, थांदला, महेश्वर, बड़वाह, भीकनगांव, शाजापुर, सुसनेर, खिलचीपुर, राजगढ़, भोपाल उत्तर, भैंसदेही, निवास, डिंडोरी, शाहपुरा, जबलपुर पूर्व, सिहावल, बमोरी, श्योपुर, मेहगांव, भांडेर, सेवढ़ा आदि हैं।

यहां मिला था तीसरा स्थान

सबलगढ़, जौरा, पोहरी, अमरवाड़ा, सुसनेर और महेश्वर। प्रदेश की एकमात्र पृथ्वीपुर सीट ऐसी थी जहां भाजपा प्रत्याशी अभय प्रताप सिंह यादव चौथे नंबर पर रहे थे।

फिर जताया भरोसा

पार्टी ने इस बार फिर ऐसे नेताओं पर भरोसा जताया है जिन्हें पिछली बार बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इनमें शाजापुर में अरुण भीमावद, दुर्गालाल विजय श्योपुर, सरदार सिंह मेढ़ा गंधवानी, राजकुमार मेव महेश्वर, अंचल सोनकर जबलपुर पूर्व, ओम प्रकाश धुर्वे शाहपुरा, कलसिंह भाबर थांदला, लालसिंह आर्य गोहद आदि हैं।

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