
भोपाल। अब कृषि साख सहकारी समितियां (पैक्स) दवा कारोबार में उतर रही हैं। शुरुआती दौर में प्रदेश में 24 बी-पैक्स में जन औषधि केन्द्र भी शुरू कर दिए हैं। यह समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा फोकस कर रही हैं। सरकार को मानना है कि पूरे प्रदेश में दवा सप्लाई का बड़ा कारोबार है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के अंतर्गत पिछले 5 साल में प्रदेश में 44 करोड़ की जेनेरिक दवाएं रोगियों ने खरीदीं। 275 समितियों का जन औषधि केन्द्र व्यवसाय के लिए सरकार ने चयन किया था। इसमें से इस कारोबार के लिए 270 समितियों ने आवेदन किया है। 55 समितियों को ड्रग लाइसेंस भी दिया जा चुका है।
उत्कृष्ट समितियों को मिलेगा बी-पैक्स का दर्जा
सरकार उत्कृष्ट और अच्छा काम करने वाली पैक्स समितियों का बहु उद्देश्यीय और बहुकारोबारी समिति के रूप में चयन कर रही है। सहकारिता विभाग ने साढ़े चार हजार समितियों में से दो हजार समितियों को चिन्हित किया है।
उप्र में 2023 में शुरुआत: कृषि साख सहकारी समितियां (पैक्स) उत्तर प्रदेश में दवा कारोबार में 2023 में उतर चुकी हैं।
किसानों को ज्यादा फायदा
समितियों पर जन औषधि केंद्र के खुलने का सर्वाधिक लाभ सीधे तौर पर किसानों को मिलेगा। वे परिवार के इलाज के लिए दवाइयां भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें दूर के अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
आर्गेनिक बीज तैयार करेंगी
प्रदेश की कई समितियों को ऑर्गेनिक कारोबार करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश की 1454 समितियों ने आवेदन किया है। इन समितियों के यहां आर्गेनिक बीज तैयार करने के लिए जगह भी उपलब्ध है। इस तरह की ज्यादातर समितियां आदिवासी क्षेत्रों में किसानों के साथ मिलकर काम करेंगी।
निर्यात कारोबार में भी
प्रदेश में कई पैक्स समितियां ने निर्यात कारोबार करने के लिए भी सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। इन समितियों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को तैयार कराई गई है। नेशनल एक्सपोर्ट कोआपरेटिव सोसायटी की सदस्यता के लिए 1700 समितियों से आवेदन कराया गया है।समितियां किसानों की निर्यात करने और ग्रेडिंग में मदद करेंगी।
कई समितियों को बहुउद्श्यीय समिति के रूप में तब्दील किया गया है। इन समितियों को तमाम कारोबार करने के लिए कहा गया है। दवा, एक्सपोर्ट और आर्गेनिक कारोबारी के लिए समितियों ने आवेदन किया है। -मनोज सरियाम, आयुक्त, पंजीयक सहकारी संस्थाएं मप्र