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भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की धूम : भगवान का रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह; पुरी में 25 लाख लोगों के आने का अनुमान

अहमदाबाद/ पुरी। देशभर में आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर्षोल्लास से निकाली जा रही है। ओडिशा के पुरी में होने वाली रथयात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा अहमदाबाद (गुजरात) के जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में होती है। अहमदाबाद के साथ ही ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है। इस उपलक्ष्य पर भारी संख्या में श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं।

पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है। भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ तकरीबन ढाई से तीन किमी दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। यह उनकी मौसी का घर माना जाता है। इस रथयात्रा में तकरीबन 25 लाख लोगों के आने की संभावना है।

रथ को खींचने से मितला है 100 यज्ञों के बराबर पुण्य

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी मान्यता है कि जो भी भक्त रथ को खींचता है उन्हें 100 यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। उसके समस्त कष्ट खत्म हो जाते हैं और स्वंय भगवान जगन्नाथ उसकी हर संकट से उसकी रक्षा करते हैं।

ऐसे बनते यात्रा के लिए तीन भव्य रथ

जगन्नाथ यात्रा के लिए तीन भव्य रथ बनाए गए हैं। पहले रथ में भगवान जगन्नाथ, दूसरे रथ में भाई बलभद्र और तीसरे रथ में उनकी बहन सुभद्रा सवार हैं। रथ बनाने के लिए खास तरह के 884 पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल होता है और इसमें पहला कट सोने की कुल्हाड़ी से किया जाता है। रथ बनाने वाले लोग दिन में एक बार ही सादा भोजन करते हैं।

अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा।

गृह मंत्री अमित शाह ने की आरती

गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा सुबह 7 बजे शुरू हो गई। रथयात्रा शुरू होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में परिवार समेत ‘मंगला आरती’ की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पहिंदा विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल हुए। इससे पहले सुबह 4.30 बजे भगवान को खिचड़ा हुआ। इसके 6.30 बजे भगवान की तीनों मूर्तियों को रथ में विराजमान किया गया।

पाहिंद विधि के सीएम ने लिया भाग

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोने की झाड़ू से रथ का मार्ग साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म के रूप में ‘पाहिंद विधि’ में भाग लिया। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ जमालपुर इलाके में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से 18 किलोमीटर की रथयात्रा के लिए निकले।

तीन रथों के साथ करीब 15 हाथी चल रहे

रथयात्रा में तीन रथों के साथ करीब 15 सजे-धजे हाथी चल रहे हैं। इनके अलावा 100 ट्रक में झांकियां और गायक मंडलियां साथ में हैं। हिंदू पचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीय (आषाढ़ी बीज) के दिन रथयात्रा निकाली जाती है। यात्रा पुराने शहर से निकलकर मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक मंदिर लौटेगी। रास्ते में जमालपुर, कालूपुर, शाहपुर और दरियापुर जैसे कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र भी पड़ेंगे।

रथयात्रा की सुरक्षा के कड़े इंतजाम

अधिकारियों के अनुसार, रथयात्रा के मार्ग में सुरक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर शहर पुलिस, होमगार्ड, राज्य रिजर्व पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के 26,000 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात पुलिस ने पहली बार रथयात्रा में पूरे मार्ग पर निगरानी के लिए 3डी मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है और किसी भी अवैध ड्रोन को आने से रोकने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने दिल्ली में की पूजा

इधर, दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले हौज खास के जगन्नाथ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। कहा- मैं महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करती हूं कि भक्ति और समर्पण का यह त्योहार, सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। जय जगन्नाथ।

पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी और सभी के अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि की कामना की। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “रथ यात्रा की सभी को शुभकामनाएं। हम इस पवित्र अवसर का उत्सव मना रहे हैं, ऐसे में भगवान जगन्नाथ की दिव्य यात्रा हमारे जीवन को स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि से भर दे।” प्रधानमंत्री ने ‘आषाढ़ी बीज’ के अवसर पर सभी को, खासतौर पर दुनिया भर में रहने वाले कच्छी समुदाय के लोगों को बधाई दी। रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक त्योहार है। यह उसी दिन मनाया जाता है, जिस दिन गुजरात के कच्छी समुदाय के लोग अपना नया साल मनाते हैं।

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