पटना/नई दिल्ली। बिहार में होने वाले सियासी बदलाव को अटकलों को लगातार बल मिल रहा है। हालांकि जेडीयू ने इस पर विराम लगाने के लिए बयान जरूर जारी किया, लेकिन इस दौरान कई ऐसे संकेत मिले हैं कि जेडीयू और राजद में सब ठीक नहीं है। हालिया संकेत गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के बाद राजभवन में आयोजित चाय पार्टी में दिखाई दिए। इस प्रोग्राम में सीएम के सामने ही कुर्सी पर लगी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची उखाड़ दी गई और उस पर मंत्री अशोक चौधरी बैठ गए। इस कार्यक्रम में तेजस्वी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए।
ऐसे हुआ घटनाक्रम
गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन हाई टी पार्टी रखी थी। इसमें नीतीश कुमार और उनके करीबी नेता तो पहुंचे, लेकिन तेजस्वी यादव नहीं आए। इस पार्टी में नीतीश कुमार के बगल में तेजस्वी के लिए कुर्सी लगाई गई थी। इस दौरान कुर्सी पर लिखे तेजस्वी यादव के नाम की पर्ची को नीतीश कुमार के इशारे पर अशोक चौधरी ने उखाड़कर फेंक दिया और खुद उस कुर्सी पर बैठ गए। इसके बाद चौधरी अपना मोबाइल निकालकर नीतीश कुमार को कुछ दिखाने लगे। राजभवन से हुए इस वाकये का वीडियो वायरल हो गया। ऐसे में अब ये साफ संकेत हैं कि आरजेडी और जेडीयू का रिश्ता अब लगभग खत्म हो चुका है।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) January 26, 2024
चिराग पासवान को भी दिल्ली किया तलब
इस घटनाक्रम के बीच एक नई खबर ये भी सामने आई कि बिहार में प्रवास कर रहे चिराग पासवान को एनडीए ने दिल्ली बुलाया। देर रात उन्हें दिल्ली आने के लिए कहा गया और वे रवाना हो गए। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई से सांसद चिराग पासवान को भी दिल्ली बुलाया है। बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए उनसे बिहार के राजनीतिक संकट पर बात करेगी।
हालांकि, एक दौर में नीतीश के दोस्त और साथी रहे दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे चिराग का नीतीश कुमार से रिश्ता कड़वाहट भरा रहा है। वे हर मंच से नीतीश की आलोचना करते रहे हैं। यही कारण है कि सत्ता के संभावित बदलाव और एनडीए के नए साथी के रूप में जेडीयू के आने से बनने वाली परिस्थिति पर बीजेपी चिराग से चर्चा करेगी। चिराग पासवान रविवार शाम होने वाली एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और देश के गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करेंगे।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद बदले हालात
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार की राजनीति में फिर से करवट लेने की अटकलों को बल मिला है। दो दिन पहले यह खबर तेजी से वायरल हुई कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं।
सूत्रों का कहाना है कि इसी वजह से बिहार के सीएम नीतीश ने 3 फरवरी तक के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जिसमें झारखंड की वह रैली भी शामिल है जिसके लिए पार्टी लंबे समय से तैयारी कर रही थी। हालांकि नीतीश 4 फरवरी को प्रधानमंत्री की बेतिया में होने वाली रैली में मोदी के साथ मंच साझा करते दिखाई देंगे। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद जिस तरह से नीतीश ने केंद्र की तारीफ की और उसके बाद बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा हुई, वह साफ करता है कि लालू और नीतीश की राजनीतिक दोस्ती पर भी अब विराम लगना तय है।
जदयू और बीजेपी के बीच डील की खबरें
सूत्रों के मुताबिक बिहार में जदयू और बीजेपी के बीच सरकार बनाने की डील भी लगभग पूरी हो चुकी है। फिलहाल इस तरह की खबरें आ रही हैं कि, सत्ता परिवर्तन होने पर भी बीजेपी नीतीश को ही सीएम बनाए रखने के लिए राजी है। फिलहाल 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद के सबसे ज्यादा 79 विधायक है, लेकिन इन्हें सत्ता से बेदखल कर अब बीजेपी के 78 विधायकों की मदद से नीतिश नई सरकार बनाएंगे। नीतीश ने एनडीए गठबंधन को छोड़कर 2022 में महागठबंधन का हाथ थामा था और आठवीं बार सीएम बने थे।