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बिहार ..सियासी बदलाव की अटकलें लेकिन नीतीश बने रहेंगे सीएम, RJD से गठबंधन तोड़कर वापस BJP के पाले में जाने की तैयारी, लोकसभा चुनाव से पहले यू-टर्न लेंगे सुशासन बाबू…!

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेने जा रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक लालू की आरजेडी का दामन छोड़कर एक बार फिर नीतीश कुमार अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी के खेमे से जुड़ने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के सीएम ने आगामी 3 फरवरी तक के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जिसमें झारखंड की रैली भी शामिल है। हालांकि वे 4 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेतिया में होने वाली रैली में पीएम मोदी के साथ मंच साझा करते दिखाई देंगे। नीतीश के इस पैंतरे से आरजेडी सदमे में है।

साथी बदलेंगे, सीएम वही रहेंगे

बिहार में विगत दो दिनो के दौरान जिस तरह से सियासी घटनाक्रम हुए हैं, उसके बाद से प्रदेश में सियासी बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कर्पूरी ठाकुर के भारत रत्न देने के बाद जिस तरह से नीतीश ने केंद्र की तारीफ की और विगत दो-तीन दिनों से बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा से बिहार में सत्ता परिवर्तन को बल मिला है। सूत्रों की मानें को बिहार में जदयू और बीजेपी के बीच सरकार बनाने की डील लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि राज्य में सत्ता बनाने के सारे समीकरण नीतीश के हाथ हैं, लिहाजा बीजेपी उन्हें सीएम के पद पर बनाए रखने के लिए राजी है। एक अन्य सियासी चर्चा समय से पहले विधानसभा भंग करने पर भी हो रही है। इस नए सियासी घटनाक्रम के बाद आरजेडी और जेडीयू के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम रेनू देवी को दिल्ली बुलाया है।

2 साल बाद ही हुआ मोहभंग

2020 के विधानसभा चुनाव के समय नीतीश कुमार एनडीए में थे। उस समय एनडीए ने 243 में से 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। नतीजों में बीजेपी को 74 और जेडीयू को केवल 43 सीटें मिल पाई थीं। इस चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि कांग्रेस को 19 सीटें मिल सकीं। बाद में हुए उपचुनावों में बीजेपी और आरजेडी का आंकड़ा बढ़ गया। 2022 में नीतीश ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया और सरकार बनाई।

बिहार में इस तरह “खेला होबे”

बिहार में फिलहाल आरजेडी के 79 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल है। बीजेपी के 78 सीटें हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू 45 सीटों के साथ तीसरे और कांग्रेस 19 सीटों के साथ चौथे स्थान पर है। 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ दिया। आरजेडी और कांग्रेस ने साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बना ली। बीजेपी नीतीश की इस सियासी चाल के कारण सत्ता से बाहर हो गई। अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में सत्ता पर फिर से काबिज होने की प्लानिंग की है। अगर बीजेपी और जदयू मिलकर सरकार बनाएंगे तो आरजेडी के 79 विधायक सत्ता पक्ष से बाहर हो जाएंगे और बीजेपी के 78 विधायक सरकार को समर्थन देंगे। 72 साल के नीतीश अगर फिर से बीजेपी के खेमे के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे तो यह उनका बतौर मुख्यमंत्री 9 वां कार्यकाल होगा।

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