
मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का खेल थमने को नाम नहीं ले रहा है। लोकायुक्त (Lokayukta) टीम द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ताजा मामला उज्जैन (Ujjian) से सामने आया है। लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार के बाबू को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी बाबू जाति प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर घूस ले रहा था। इससे वह पहले ढाई हजार रुपए ले चुका था।
कागजात का बहाना बनाकर बंद की फाइल
जानकारी के मुताबिक, इंदौर के गांधी नगर में रहने वाले मदन सोनी पहले उज्जैन में रहते थे, जिन्होंने ने कुछ समय पहले इंदौर में लोक सेवा गांरटी योजना के तहत जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन सोनी का रिकॉर्ड उज्जैन में होने के चलते आवदेन को उज्जैन भेज दिया गया। उक्त आवेदन में कागजात पूरे नहीं होने का बहाना बनाकर तहसीलदार राधेश्याम पाटीदार के बाबू वीरेंद्र नकवाल ने फाइल बंद कर दी।
आवेदक ने लोकायुक्त से की शिकायत
आवेदक मदन सोनी 16 नवंबर को उज्जैन आकर नकवाल से मिले। आरोपी ने आवेदक से प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर ढाई हजार रुपए ले लिए, लेकिन इसके बाद भी प्रमाण-पत्र नहीं बनाया। बल्कि, एक हजार रुपए की और मांग करने लगा। आरोपी का कहना था कि ऊपर तक अधिकारियों को रुपए देना पड़ते हैं। इसके बाद मदन सोनी ने लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को शिकायत कर दी थी।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
लोकायुक्त एसपी द्वारा शिकायत की जांच करवाने के बाद कार्रवाई की योजना बनाई। साथ ही कार्रवाई के लिए डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों की टीम बनाई। बुधवार दोपहर जैसे ही मदन सोनी ने वीरेंद्र नकवाल को एक हजार रुपए दिए, लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई से तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया।