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कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या, टाइगर फोर्स का चीफ था

चण्डीगढ़। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। निज्जर को कनाडा के क्षेत्राधिकार में स्थित ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा में गोली मारी गई। खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर को भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया था। हाल ही में भारत सरकार ने 41 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का भी नाम शामिल था।

मूल रूप से जालंधर निवासी निज्जर वर्तमान में कनाडा में रह रहा था और भारत में सिख फॉर जस्टिस के अलगाववादी और हिंसक एजेंडे को भी दे रहा था। कुख्यात आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के मुखिया हरदीप सिंह निज्जर पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में 10 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया था। एनआईए ने यह ईनाम जालंधर में एक पुजारी की हत्या के मामले में घोषित किया था।

खालिस्तान टेरर फोर्स के मॉड्यूल को खड़ा करने की कोशिश में लगा था

जालंधर में एक हिंदू पुजारी को मारने के लिए निज्जर के संचालित खालिस्तान टाइगर फोर्स द्वारा रची गई थी। निज्जर की कई मामलों में तलाश थी। पिछले कुछ वर्षों में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। फिल्हाल, वह कनाडा के सरे में रहता था। वह पंजाब में लगातार खालिस्तान टेरर फोर्स के मॉड्यूल को खड़ा करने की कोशिश में लगा था। साल 2010 में हरदीप सिंह निज्जर ने पटियाला में सत्य नारायण मंदिर के पास बम विस्फोट भी करवाया था।

खालिस्तान जनमत संग्रह में निभाई थी अहम भूमिका

हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा के क्षेत्राधिकार में स्थित ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा की मैनेजिंग कमेटी का दूसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था। खालिस्तानी समर्थित कई गतिविधियां कनाडा में भी होती रही हैं। भारत सरकार की ओर से कई बार कनाडा सरकार को इन मामलों की जानकारी दी गई थी। निज्जर ने कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में पिछले साल हुए खालिस्तान जनमत संग्रह में अहम भूमिका निभाई थी। कनाडा में हुए इस एंटी भारत एक्टिविटी का विरोध भारत ने कनाडियन सरकार से किया था। निज्जर के पंजाब में आतंकी घटनाओं में संलिप्त होने के मामले में भारत ने कनाडा सरकार से निज्जर पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा था।

निज्जर पिछले एक साल में और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था, क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था।

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