भोपालमध्य प्रदेश

रूठी पत्नियों को घर बुलाने पति पहुंच रहे फैमिली कोर्ट, 98 आवेदन

मामूली बात पर सालों से मायके बैठी हैं पत्नियां; अब कहती हैं- वह तभी आएंगी, जब उन पर किसी तरह की रोक -टोक न हो

पल्लवी वाघेला  भोपाल। घर में सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी प्रताड़ित होते हैं? यही नहीं वह भी अपने घरसंसार को बचाने की हर संभव कोशिश करते हैं। फैमिली कोर्ट में पहुंच रहे हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 9 संबंधी मामले तो यही बयां करते हैं। अनुमानित आंकड़ों पर नजर डाले तो बीते साल अप्रैल से अब तक धारा 9 के तहत कोर्ट में अपनी रूठी पत्नी को घर बुलाने के लिए करीब 98 पुरुषों ने आवेदन दिए हैं। इन पतियों ने पत्नियों के मायके में बैठे रहने से मिलने वाली मानसिक प्रताड़ना की शिकायत की है। इनका कहना है कि मामूली सी बात पर पत्नियां सालों से मायके में बैठी हैं। न तो वह पति से अलग होना चाहती हैं और न ही साथ आकर रहती हैं।

1. नहीं कर पाता मांगे पूरी:

हांगीराबाद निवासी एक पति ने कहा कि वह कारपेंटर है। काम ठीकठाक चलता है और अपनी इनकम से वह परिवार की हर संभव जरूरत पूरा करने की कोशिश करता है। लेकिन पत्नी की मांग बढ़ती ही जा रही थी। इस बात पर बहस हुई तो पत्नी बीते तीन साल से आठ साल के बच्चे के साथ मायके में है।

2. गांव नहीं रहना चाहती:

कोलार निवासी पति ने कहा कि पत्नी, गांव में नहीं रहना चाहती। उसे मेरी मां- बहन से भी परेशानी है। उसकी जिद पर शहर में उसके मायके के करीब किराए मकान लेकर भी रहा। मां गिर गई ,तो उनकी सेवा के लिए कुछ दिन गांव चलने को कहा। पत्नी नहीं मानी और तब से शहर में बच्चों के साथ अकेली रह रही है।

3. फोन बना परेशानी:

सुभाष नगर निवासी पति ने आवेदन में बताया कि पत्नी को एंड्राइड फोन की लत है। कोविड में वह घर रहा तो नोटिस किया कि वह दिन-रात भर सोशल मीडिया चैट करती है। उसे मना करने पर विवाद हुआ तो वह मायके चली गई। उसका कहना है कि तभी आएगी जब मैं कोई सवाल न पूछूं और रोक-टोक न करूं।

यह हैं विवाद के मुख्य कारण

  •  परिवार से अलग रहने की जिद
  •  जिन लड़कियों के माता-पिता अकेले हैं, वह शादी के बाद मायके में चलकर रहने का दबाव डालती हैं
  •  शादी के बाद मनमाने खर्च और डिमांड
  •  बाहर घूमने और खाना खाने की जिद
  • घर के कामों में टालमटोल, गांव में रहने से इंकार
  •  कोई भी नई चीज खुद के नाम पर खरीदने का दबाव

पति-पत्नी दोनों सामंजस्य बनाकर चलें तो मामला बिगड़ नहीं पाता। इन दिनों ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें पुरुषों के खिलाफ सख्त कानून का महिलाएं फायदा उठाती हैं। इसके चलते पति विवाद से बचने सुलह का रास्ता चुनना चाहते हैं। – मीना गुप्ता, एडवोकेट

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