
जबलपुर जिला प्रशासन ने शनिवार को अतिक्रमणों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। सिविल थाने के सामने और पुराने आरटीओ ऑफिस के पीछे की करीब 8.86 एकड़ बेशकीमती सरकारी भूमि को अतिक्रमणों से मुक्त कराया। रांझी तहसील के अंतर्गत ब्लाक नंबर 23, प्लाट नंबर 1 व 2 की इस भूमि का बाज़ार मूल्य लगभग एक अरब 72 करोड़ रुपए है।
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SC ने शासन के पक्ष में दिया फैसला
अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया के अनुसार ब्रिटिश काल की बर्न कोर्ट की यह भूमि शासन में वेष्ठित हो गई थी। इस भूमि को लेकर शासन और समदड़िया ग्रुप के बीच कानूनी विवाद चल रहा था। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जहां सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शासन के पक्ष में फैसला दिया गया।
अवैध निर्माण को किया ध्वस्त
अपर कलेक्टर ने बताया कि इस भूमि पर अवैध रूप से मैरिज हॉल संचालित किया जा रहा था। एक वर्कशॉप भी यहां बना ली गई थी। इसके अलावा यहां 20 से अधिक ठेले टपरे भी लगा लिए गए थे। कार्रवाई में इन सभी अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया के अनुसार सिविल लाइन स्थित इस भूमि पर पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत कमिश्नर कार्यालय तथा प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों को निर्माण किया जाना है।
ये अधिकारी रहे मौजूद
जबलपुर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देश पर पुलिस और नगर निगम के सहयोग से की जा रही इस कार्यवाही में यहाँ वर्षों पूर्व अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माणों को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त किया जा रहा है। मौके पर अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया, तहसीलदार रांझी श्याम नन्दन चंदेले एवं तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह मौजूद हैं।