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पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड कचरे का विवाद: अब 18 फरवरी को होगी अगली सुनवाई, HC में सरकार बोली- मिस लीडिंग के चलते हालात बिगड़े

जबलपुर। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट अब 18 फरवरी को सुनवाई करेगा। सोमवार को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मामले को सुना। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख तय की है।

कचरा वापस भोपाल ले जाना चाहिए: अधिवक्ता

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनओटकर का कहना है कि सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना यह एकतरफा कदम उठाया। जिसकी वजह से हालात बिगड़े। इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह दोनों शहरों की जनता के लिए हानिकारक साबित होगा। इसे वापस भोपाल ले जाना चाहिए।

सुनवाई के मद्देनजर पीथमपुर में अलर्ट

सुनवाई को देखते हुए पीथमपुर में रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। तारपुरा गांव में दो अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई गईं। पुलिस लगातार इलाके में गश्त करती रही। वज्र वाहन और फायर फाइटर भी अलर्ट पर रहे।

याचिका में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला

बता दें इस कचरे को पीथमपुर लाने और जलाने के खिलाफ इंदौर के डॉक्टरों ने भी याचिका दायर की है। इस याचिका में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला दिया गया है। याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में दायर की थी। जहां से इसे जबलपुर खंडपीठ में ट्रांसफर किया गया। सुनवाई से पहले सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा था कि सरकार लोगों की चिंताएं न्यायालय के सामने रखेगी। सरकार कचरे के निपटान के लिए और समय भी मांगेगी।

 

 

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