
पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। प्रदेश के विभिन्न विभागों की जहां- तहां पड़ी अनुपयोगी सरकारी जमीन को बेचकर सरकारी खजाना भरने के लिए बनाए गए परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने अब अपना निर्णय बदल दिया है। यानी अब किसी प्रॉपर्टी को नीलाम नहीं किया जाएगा बल्कि अर्बन बॉडी सहित अन्य विभागों को जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग का फोकस प्रॉपर्टी की यूटिलाइजेशन पर रहेगा, डिस्पोजल पर नहीं।
लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन वर्ष 2020 में इसलिए हुआ था कि जिन विभागों की जमीनें, निर्माण आदि अनुपयोगी पड़ी हैं उन्हें नीलाम करके राजस्व जुटाया जाए। इसके चलते साढ़े तीन साल में 101 प्रॉपर्टी बेचकर 1,134 करोड़ रुपए की कमाई की गई। इसमें ज्यादातर संपत्तियां राज्य परिवहन निगम के बस स्टैंड आदि हैं। रीवा का यातायात नगर, ग्वालियर का अल्फा नगर, मंदसौर की पुरानी जिपं भी शामिल हैं।
इन संस्थाओं ने मांगी है अनुपयोगी प्रॉपर्टी: जानकारी के अनुसार प्रदेश के जिन स्थानों पर अनुपयोगी सरकारी प्रॉपर्टी मौजूद हैं उसे लेने के लिए स्थानीय निकायों ने रुचि दिखाई है। जैसे कि इंदौर विकास प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी सतना, नगर निगम मुरैना और हाउसिंग बोर्ड आदि।
ज्यादातर संपत्तियों पर कारोबारियों का कब्जा
सरकार द्वारा बेची गई ज्यादातर संपत्तियां कारोबारियों के हाथों में गई हैं। जैसे कि उज्जैन का तराना बस डिपो तराना डेवलपर्स एलएलपी, शहडोल बस डिपो श्री अग्रसेन लॉजिस्टिक, इटारसी का पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस त्रिपुरे बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, ब्यावरा बस डिपो डीएन क्रिएशन आदि।
ये प्रॉपर्टियां भी हुईं नीलाम
छत्रसाल वार्ड क्रमांक छह में नजूल भूमि दमोह, अमितेश नगर इंदौर, न्यू मदन महल जबलपुर, पुरानी तहसील रायसेन, तहसील कार्यालय रहली, अंबेडकर चौक बालाघाट, पुराना बंगला गुना, मिड टाउन कॉलोनी रतलाम, एमआईजी आवासीय क्वार्टर ग्वालियर, डबरा बस डिपो, उज्जैन का विनोद मिल पार्सल क्रमांक एक आदि प्रॉपर्टी इसमें शामिल हैं।
6 बार टेंडर, पर डीबी मॉल के सामने की प्रॉपर्टी नहीं बिकी
- इधर, परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग को भोपाल के डीबी मॉल के सामने स्थित करीब पौने एक एकड़ की सरकारी प्रॉपर्टी बेचने में पसीना आ गया। करीब 90 करोड़ की प्रॉपर्टी बेचने के लिए छह से अधिक बार टेंडर जारी किया गया। अब इस प्रॉपर्टी का उपयोग नगरीय प्रशासन विभाग कर सकता है।
- भोपाल की प्राइम लोकेशन पर स्थित आरटीओ और मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम की संपत्ति भी विक्रय करने की तैयारी थी, लेकिन बाद में आरटीओ कार्यालय भाजपा को किराए पर दिए जाने से फिलहाल इस संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया रोक दी गई है।
सवा साल से विभाग ने एक भी प्रॉपर्टी नीलाम नहीं की
करीब सवा साल में विभाग ने एक भी अनुपयोगी सरकारी प्रॉपर्टी नीलाम नहीं की है। विभाग अब ऐसी प्रॉपर्टी को बेचने के बजाए उपयोगिता पर फोकस करेगा। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य अर्बन बॉडी ने रुचि दिखाई है। – अनिरुद्ध मुकर्जी, अपर मुख्य सचिव, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन